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गुटखा खानेवालों ने बदला स्टेशन का रंग … बेचनेवालों पर नहीं हो रही कार्रवाई

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
कानून को न मानते हुए कानून की धज्जियां उड़ानेवाले उल्हासनगर शहर में लचर कानून व्यवस्था के कारण राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित गुटखा बिक्री जोर-शोर से शुरू है। रेल प्रशासन गुटखा खाकर दीवार पर न थूकने को लेकर काफी जनजागृति की थी। इतना ही नहीं, अमृत योजना के तहत इन दिनों शहाड रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण शुरू है। इसके बावजूद रेल यात्रियों का थूकना बंद न होता देख रेल प्रशासन ने गुटखा थूकने के कारण दीवार लाल होकर गंदी न दिखाई दे इसके लिए दीवार को तीन से चार फुट तक लाल रंग से रंगवा दिया है। इसके बावजूद लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुटखा बिक्री का प्रत्यक्ष प्रमाण शहाड रेलवे स्टेशन की सफेद दीवार थी, जिस पर गुटखा खाकर थूकने के कारण दीवार बेहद गंदी दिखाई देती थी।
शहाड रेलवे स्टेशन के समीप आने-जाने वाले रास्ते पर खुलेआम गुटखा बिक्री शुरू है। खैर, गुटखा बंदी की जवाबदारी पुलिस, मनपा, फूड एंड ड्रग्स विभाग को दी गई है। इसके बावजूद उल्हासनगर में आए दिन बड़ी मात्रा में गुटखा के भंडार पकड़े जा रहे हैं। इतना ही नहीं, शहाड रेलवे स्टेशन पर पुलिस द्वारा गुटखा बंदी के लिए कार्रवाई करने के बावजूद दूसरे दिन फिर से बिक्री शुरू हो जाती है। रेलवे प्रशासन, रेल सुरक्षा बल, लौह मार्ग पुलिस, टीसी भी स्टेशन के अंदर गुटखा खाकर थूकनेवाले रेल यात्रियों को दंडित करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। सरकारी यंत्रणा द्वारा गुटखा बिक्री की बंदी व थूकने वालों को रोकने में नाकामी के चलते स्टेशन परिसर, कचरे के डिब्बों के आस-पास गुटखा थूकने के कारण पैâली हुई गंदगी को देखा जा सकता है।
शहाड रेलवे स्टेशन के प्रबंधक इमये कुमार ने बताया कि सफाई के लिए रेल प्रशासन तरह-तरह का अभियान चलाता है। उद्घोषणाओं के बावजूद यात्री सफाई में सहयोग नहीं देते। गंदगी करनेवालों पर २०० रुपए आर्थिक दंड भरने का प्रावधान है। अब तक दो-चार लोगों को दंडित भी किया जा चुका है और लोगों को दंडित करने का अधिकार टीसी को दिया गया है, परंतु तीन टीसी लोगों का टिकट चेक करें या गुटखा खानेवालों को पकड़ें। सरकार को चाहिए कि वो स्टेशन परिसर में गुटखा लाने और खाने वालों पर दंड का प्रावधान करे, जबकि यहां थूकते हुए पकड़े जाने पर दंड लगाओ ऐसा नियम है। अब सवाल यह है जो गुटखा खाएगा वो स्टेशन, गाड़ी या फिर कहीं न कहीं जरूर थूकेगा। कई बार चलती ट्रेन में गुटखा खाकर थूकने के चक्कर में रेल यात्रियों की गिरने से मौत तक हो चुकी है।

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