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ज्ञानवापी परिसर सर्वे में मिला तहखाने में त्रिशूल! …दीवारों पर ५ कलश, कमल का निशान

• एएसआई के सर्वे में हुआ खुलासा
सामना संवाददाता / वाराणसी
ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे के दूसरे दिन कल जांच टीम तहखाने के अंदर गई, जहां से कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। तहखाने के अंदर से ऐसे सबूत मिले हैं, जिसके बाद पूरे मामले का रुख बदल सकता है। तहखाने का ताला खुलने के बाद हिंदू पक्ष से जुड़े सूत्रों का दावा है कि तहखाने में एक चार फीट की मूर्ति मिली है, जिस पर कुछ कला कृतियां हैं। एएसआई टीम अपने हाईटेक इंस्ट्रूमेंट के जरिए मूर्ति के काल खंड का पता लगा रहा है। सूत्रों की मानें तो मूर्ति के अलावा एक दो फीट का त्रिशूल भी मिला है, साथ ही पांच कलश और कमल के निशान की आकृतियां दीवार पर मिली हैं।
ज्ञानवापी के तहखाने सर्वे को लेकर हिंदू वादी सीता साहू ने कहा कि तहखाने में से उम्मीद से ज्यादा हिंदू चिह्न मिल रहे हैं। तहखाने की पश्चिमी दीवार चीख-चीख कर कह रही है कि ये हिंदू धर्मस्थल था। जांच के दौरान टीम को यहां से कलश मिले हैं, स्वस्तिक चिह्न मिले हैं, आला मिला है, कमल मिले हैं, त्रिशूल और मूर्तियां भी मिली हैं। उन्होंने बताया कि हिंदू प्रतीक चिह्नों को छुपाने की कोशिश की गई थी। दीवारों को चूने से पोतकर इन चिन्हों को मिटाने का प्रयास किया गया था।
कल एएसआई की टीम शुरू से ही ये मानकर चल रही थी कि तहखाने के अंदर से कई अहम सबूत मिल सकते हैं। ऐसे में जांच टीम ने अंजुमन इंतजामिया कमेटी से तहखाने की चाबी मांगी, जिसके बाद मस्जिद के केयरटेकर एजाज अहमद ने आज तहखाना खोला, जिसके बाद सर्वे टीम ने तहखाने में प्रवेश किया। टीम का मानना है कि यहां कई और महत्वपूर्ण तथ्य छुपे हो सकते हैं। बता दें कि ज्ञानवापी में वजूखाने को छोड़कर सर्वे की कार्रवाई की जा रही है। कल से अभी तक मस्जिद का रकबा नंबर ९१३० के बैरिकेटेड एरिया में सर्वे की कार्रवाई हो रही थी। अब एएसआई की टीम तहखाने में भी पहुंच गई है।
जीपीआर तकनीक का इस्तेमाल
एएसआई ने सर्वे के लिए चार टीमें बनाई है। दो टीमों ने परिसर की पश्चिमी दीवार की जांच शुरू कर दी है, एक टीम पूर्वी दीवार की जांच कर रही है और एक टीम को उत्तरी दीवार व उससे जुड़े क्षेत्रों में जांच के लिए लगाया गया। इमारत की बाहरी दीवारों के आस-पास जीपीआर का उपयोग किया जा रहा है। सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष से ९ लोग और हिंदू पक्ष से ७ लोग ज्ञानवापी में मौजूद हैं। मुस्लिम पक्ष के वकील का एएसआई पर आरोप है कि एएसआई ने हमें सर्वे का नोटिस तक नहीं दिया।

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