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सही सड़कें और उपयुक्त संसाधन होते तो बच सकती थी कई जानें, एनडीआरएफ के मन की बात,समृद्धि एक्सप्रेस-वे हादसा

सामना संवदादाता / ठाणे
ठाणे जिले में समृद्धि एक्सप्रेस-वे के तीसरे चरण के निर्माण के दौरान पिछले सप्ताह मंगलवार को एक पुल के स्लैब पर क्रेन गिरने से २० लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या कम हो सकती थी, यदि राहत बचाव दल वक्त पर पहुंच गया होता। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) और ठाणे डिस्ट्रिक डिजास्टर रिस्पांस (टीडीआरएफ) टीम को सरलांबे गांव तक पहुंचने में ५ घंटे लग गए। ऐसा एनडीआरएफ के कमांडर दीपक तिवारी का मानना है।
एनडीआरएफ के कमांडर दीपक तिवारी बताते हैं कि उन्हें दुर्घटना के बारे में देर रात करीब एक बजे सूचित किया गया तो तुरंत दो टीमें भेजी गर्इं। उन्हें उनकी टीम ने बताया कि उन्होंने गूूूूगल मैप का उपयोग किया, लेकिन गूूूूगल मैप पर दिखाई गई सड़क मौजूद नहीं थी। उन्हें कच्ची और खराब सड़क की वजह से दुर्घटना स्थल पर पहुंचने में काफी वक्त लगा। एनडीआरएफ की टीम को लीड करने वाले इंस्पेक्टर योगेश शर्मा कहते हैं कि सैकड़ों गड्ढों और खराब कनेक्टिविटी के कारण टीम को आधी रात को मुख्य सड़क पर भटकना पड़ा और दूसरा रास्ता ढूंढ़ना पड़ा। कच्ची सड़क के कारण भी दिक्कतें हुर्इं, जिस पर भारी मशीनरी नहीं ले जाई जा सकती थी।

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