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सरकारी गेहूं में `सेलेनियम’ से झड़ रहे बाल! … केंद्रीय टीम ने शुरू की खाद्य गोदामों की जांच

सामना संवाददाता / मुंबई
बुलढाणा जिले के शेगांव तहसील के करीब १५ गांवों में पिछले एक महीने से रहस्यमयी तरीके से नागरिकों के बाल झड़ने और बाद में गंजेपन की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस घटना से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन से लेकर भारत के शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संगठन आईसीएमआर की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मरीजों की जांच की। मरीजों के रक्त और अन्य नमूनों को विस्तृत जांच के लिए दिल्ली, भोपाल और चेन्नई भेजा गया। अब उसकी रिपोर्ट सामने आई है। इस घटना के विस्तृत अध्ययन के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में पता चला है कि प्रभावित मरीजों के रक्त और बालों में ‘सेलेनियम’ नामक भारी धातु की अत्यधिक मात्रा पाई गई है। इसके अलावा, स्थानीय नागरिकों द्वारा खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे गेहूं में भी सेलेनियम का अत्यधिक स्तर पाया गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, सेलेनियम की अधिकता ही इस बाल झड़ने की समस्या का कारण बताई जा रही है।
इस आश्चर्यचकित करने वाली रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार की एक विशेष टीम पिछले तीन दिनों से खामगांव स्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों की जांच कर रही है। खाद्य गोदामों की सख्त जांच, गेहूं और अन्य अनाज के नमूने दिल्ली भेजे गए हैं। सूत्रों के अनुसार, एफसीआई गोदामों में संग्रहित गेहूं, चावल और अन्य अनाज के नमूने लिए गए हैं और गोपनीयता बनाए रखते हुए टीम कल ही दिल्ली रवाना हो गई है। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, इस गोदाम से अनाज की आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी गई है। जब तक अगली रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक यहां गोदाम में अनाज की आपूर्ति नहीं की जाएगी।
क्या प्रभावित क्षेत्र में मिलने वाला राशन (अनाज) ही इस बाल झड़ने की समस्या का कारण है? इस संदेह को देखते हुए केंद्र सरकार की विशेष टीम पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। हालांकि, भारतीय खाद्य निगम और जिला आपूर्ति अधिकारी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। लेकिन बाल झड़ने की समस्या और सरकारी राशन के बीच संबंध होने की आशंका अब और गहराती जा रही है।

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