सामना संवाददाता / मुंबई
एसबीआई और एलआईसी के पैसे डुबाने का आरोप लगने के बाद फिर अडानी समूह विवादों में घिर गया है। नए में कोकण में जंगल की पांच हजार एकड़ जमीन हथियाने का आरोप अडानी कंपनी पर लगा है। यह सनसनीखेज आरोप लगाकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के सांसद विनायक राऊत ने कल हलचल मचा दी। उन्होंने बताया कि कोकण के दलालों के मार्फत यह सारा खेल अडानी समूह की ओर से खेला गया है, जिसमें मृतक व्यक्तियों के नाम पर भी जमीनों का लेन-देन हुआ है। राऊत ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियोंं पर कार्रवाई करने की मांग की है।
सांसद विनायक राऊत ने कल शिवसेना भवन में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कोकण के गरीब किसानों और पिछड़े वर्ग की जमीन दलालों ने हड़प ली है। इन दलालों ने लोगों को बिना बताए जमीनें एक-दूसरे को बेच दी। किसानों को धोखा दिया जा रहा है और उनकी जमीनें दलालों के जरिए खरीदी जा रही हैं। प्रशासन को धता बताते हुए ये दलाल जमीनें खरीदने की व्यवस्था को संभाल रहे हैं। अकेले संगमेश्वर तहसील के सह्याद्रि के घाटपट्टी के २० गांवों की पांच हजार एकड़ जमीन पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीणों को धोखा देकर खरीदी-बेची गई हैं। ये जमीनें बाद में अडानी समूह से जुड़ी कंपनियों को बेच दी गर्इं। कुचांबे से वजरे गांव के बीच संगमेश्वर के घाटपट्टी में पांच हजार एकड़ जमीन थर्मल पावर जनरेशन करनेवाली कंपनियों को दी गई है। यह जमीन आरआरडब्ल्यूटीएल नामक सरकारी कंपनी के नाम पर की गई है। यह कंपनी चंद्रपुर में एक थर्मल पावर प्लांट का संचालन करती है। यह कंपनी अब अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) के कब्जे में है। कंपनी को बिजली परियोजनाओं के लिए और जमीन चाहिए थी।
फर्जी लोगों के सहारे हुआ फर्जीवाड़ा
विनायक राऊत ने बताया कि वन विभाग को जो जमीन देनी चाहिए थी, वह इन कंपनियों को दे दी गई। खरीद-बिक्री का झूठा लेन-देन कर जमीनें दी गई हैं। फिलहाल, मैं दो गांवों के जमीन के लेन-देन की जानकारी दे रहा हूं। आगामी दिनों में अन्य गांवों की जमीनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। पिछले ८ दिनों में निगुड़वाड़ी (संगमेश्वर) और कुंडी गांव में १२३.४६ हेक्टेयर जमीन खरीदी गई है। संगमेश्वर तहसील के दो गांवों की १२३.४६ हेक्टेयर भूमि आरआरडब्ल्यूटीएल कंपनी को हस्तांतरित कर दी गई है। कुछ जमीन मालिक ऐसे हैं, जिनके नाम पर भूमि है, उनकी मृत्यु हो चुकी है। इन मृत व्यक्तियों के स्थान पर फर्जी जीवित व्यक्तियों को खड़ा कर उनके नाम पर जमीनों का क्रय-विक्रय किया गया। इनमें से अधिकांश भूमि पिछड़े वर्गों की हैं।
२८४.२७ हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का प्रयास
विनायक राऊत ने बताया कि अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) की चंद्रपुर की परियोजना के लिए २८४.२७ हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के प्रयास चल रहे हैं। लेकिन यहां उपलब्ध जमीन वन विभाग के अधीन थी। फिर भी यह जमीन वर्ष २०१५ में एटीएल को दे दी गई। लेकिन जब सवाल उठा कि इस जमीन के बदले में दूसरा वन क्षेत्र कहां दिखाया जाए, इसलिए कोकण में जमीन हथियाने की साजिश रची गई।