पिछले दिनों अफ्रीका के डरबन शहर में कामरेड मैराथन का आयोजन किया गया। इस अभूतपूर्व, सबसे पुरानी लंबी और कठिन मैराथन दौड़ में करीब ९३ से ज्यादा देशों के तकरीबन २५,००० धावकों ने हिस्सा लिया। इसमें भारत के भी ३५० धावकों की टीम शामिल थी। भारत की ओर से गए नई मुंबई के हनीफ खान ने इस दौड़ को ९ घंटा ३९ मिनट में पूरी करके परचम लहराया। ये मैराथन पहले वर्ष में चढ़ाई ८७ किलोमीटर और दूसरे वर्ष में उत्तरी ९० किलोमीटर की दौड़ होती है, जो इस वर्ष ८७ किलोमीटर की दौड़ थी। बता दें कि हनीफ खान ने इस सफलता को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने के साथ बहुत कुछ गंवाया। हनीफ खान एक निजी कंपनी के सेल्स विभाग में काम करते हैं। कामरेड मैराथन की तैयारी में जुटे हनीफ ने कंपनी के काम पर कम ध्यान दिया, जिसके चलते उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इस मैराथन में भारत की ओर से विभिन्न शहरों से अलग-अलग ग्रुप ने भाग लिया, जिसमें से एक ग्रुप नई मुंबई का एचएफसी ग्रुप अपने २५ धावकों के साथ शामिल हुआ। उन २५ धावकों में से हनीफ सबसे दूसरे तेज धावक बन गए।