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हार्बर लाइन सैंडहर्स्ट रोड तक! …रेलवे कर रही है १० लाख यात्रियों पर गाज गिराने की तैयारी

मध्य रेलवे बना रहा है नया प्लान

 

विकल्प -१
सीएसएमटी जानेवालों को टैक्सी और दूसरे वाहनों से करना पड़ेगा सफर

विकल्प -२
कुर्ला में उतरकर मेन लाइन से करना पड़ेगा सफर

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
लोकल ट्रेन को मुंबई की लाइफ लाइन कहा जाता है। यह लाखों लोगों को तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंचा देती है। मुंबई में करीब ७० लाख लोग रोजाना पश्चिम, मध्य व हार्बर लाइन की सेवाओं का लाभ उठाते हैं। हार्बर लाइन की सेवाएं मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से शुरू होकर गोरेगांव-अंधेरी व पनवेल तक जाती हैं। करीब १० लाख यात्री इस रूट से रोजाना सफर करते हैं। पर अब मध्य रेलवे जिस नए प्लान पर विचार कर रही है उसकी गाज १० लाख यात्रियों पर गिरेगी।
हार्बर लाइन के नए प्लान के मुताबिक, सीएसएमटी की ओर आनेवाली गाड़ियों को सैंडहर्स्ट रोड पर ही खत्म कर दिया जाएगा। ऐसे में सीएसएमटी जानेवाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्हें या तो वहां से टैक्सी पकड़नी पड़ेगी या फिर वाशी की तरफ से आनेवाले यात्रियों को कुर्ला उतरकर मेन लाइन की लोकल पकड़नी पड़ेगी। इससे यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ जाएगी।

हार्बर लाइन के नए प्रस्ताव से कुर्ला स्टेशन पर बढ़ जाएगी भारी भीड़!

हार्बर लाइन से यात्रा करनेवाले नई मुंबई के यात्रियों के लिए बुरी खबर है। मध्य रेलवे ने हार्बर लाइन की लोकल सेवाओं को सैंडहर्स्ट रोड पर समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। इस पैâसले से कुर्ला स्टेशन पर भारी भीड़ बढ़ सकती है, जो वर्तमान में अतिरिक्त यात्रियों को संभालने के लिए सक्षम नहीं है। परिणामस्वरूप, यात्रा का समय भी काफी बढ़ सकता है, जिससे लाखों यात्रियों को रोजाना कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि हार्बर रूट के रोजाना लगभग १० लाख यात्री सफर करते हैं।
प्रस्तावित योजना के तहत हार्बर लाइन की दो ट्रैक को मुख्य लाइन की धीमी गति वाली ट्रेनों के लिए उपयोग में लाया जाएगा, जबकि वर्तमान में फास्ट ट्रेनों के लिए उपयोग में आने वाली ट्रैक को लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए समर्पित किया जाएगा। यह कदम इसलिए विचाराधीन है क्योंकि इससे मस्जिद बंदर और सैंडहर्स्ट रोड स्टेशनों के बीच के पूर्वी हिस्से में भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी, जो कि कमर्शियल और आवासीय भवनों से घिरा हुआ है। हालांकि, सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन वर्तमान में भारी भीड़ को संभालने में सक्षम नहीं है। यहां तक कि अगर एक होल्डिंग एरिया बनाया भी जाता है, तो भी यात्री इंतजार करने को तैयार नहीं होंगे। इसलिए इस प्रस्ताव में सुविधाओं के लिए अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण करना बेहतर हो सकता है, भले ही लोगों का पुनर्वास करना पड़े। बता दें कि सीएसएमटी एक महत्वपूर्ण स्टेशन है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यहां प्रतिदिन १०० से अधिक लंबी दूरी की ट्रेनें आती-जाती हैं और यात्रियों को इस स्टेशन तक आसानी से पहुंचने की उम्मीद होती है। यह प्रस्ताव यात्रियों के लिए असुविधा और परेशानी का सबब बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से हार्बर लाइन पर यात्रा करते हैं। यह योजना अभी विचाराधीन है, लेकिन यदि इसे लागू किया जाता है तो नई मुंबई के यात्रियों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे प्रशासन को इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए।

सरकार द्वारा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस को इसलिए दिया जाता है, ताकि ट्रैफिक कम हो और यात्रा में असुविधा न हो। मुंबई में बन रहे मेट्रो का भी यही उद्देश्य है। लेकिन ऐसी ट्रेनों को सैंडहर्स्ट रोड पर खत्म करने से शहर में और ट्रैफिक बढ़ेगा। सीएसएमटी टर्मिनस है, ९० फीसदी यात्री सीएसएमटी पहुंचने के लिए यात्रा करते हैं। यह निर्णय पूरी तरह से गलत है।
-राजन विचारे, पूर्व सांसद (शिवसेना)

हार्बर लाइन लोकल को सैंडहर्स्ट रोड पर खत्म करना बिल्कुल गलत विचार है। आखिर क्यों हार्बर लाइन को ही हमेशा बिना किसी कारण के सौतेला व्यवहार मिलता है। सबसे पहले तो वे नई रेक नहीं दे रहे हैं, इसका पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए।
-अरिंदम महापात्रा, यात्री

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