संदीप पांडेय
कहते हैं अगर नीयत अच्छी हो तो किस्मत अपने आप बन जाती है। कड़ी मेहनत लोगों को उनके मुकाम तक पहुंचा ही देती है। इसीका जीता-जागता उदाहरण संदीप पांडेय हैं। जिनका जन्म १९९२ में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ। इनका परिवार सरकारी सेवाओं में कार्यरत था, जिससे संदीप के जीवन में अनुशासन और समाजसेवा का महत्व शुरू से ही गहराई से रचा-बसा था। मुंबई में इनके पिताजी का प्रोटेक्शन गार्ड सिक्योरिटी एजेंसी का व्यवसाय था, जिसे अब संदीप खुद संभालते हैं। इनकी प्रारंभिक शिक्षा घाटकोपर और भायंदर में हुई। इसके बाद संदीप ने भायंदर के प्रवीन पाटील कॉलेज से आईटी में इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।
संदीप का समाजसेवा की दिशा में पहला कदम तब हुआ, जब इन्होंने २००७ में युवा छात्र संघ की स्थापना की। इस संगठन के माध्यम से उन्होंने छात्रों के लिए शिक्षा सामग्री वितरण और सामाजिक कार्यों की शुरुआत की। लगभग ३,५०० विद्यार्थी इस संघ से जुड़े और एक वर्ष में ५१ से अधिक सामुदायिक कार्य किए गए। कोरोना महामारी के दौरान इस संघ ने मास्क, सैनिटाइजर, एनर्जी बूस्टर और राशन वितरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए। संदीप ने महाराष्ट्र और मुंबई के विभिन्न हिस्सों में ३० लाख से अधिक की सामग्री वितरित की।
संदीप ने सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी सक्रियता दिखाई। वसई-विरार क्षेत्र में खराब सड़कों और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ इन्होंने कई आंदोलन किए। नायगांव में सड़कों पर धान रोपकर इन्होंने सांकेतिक विरोध जताया। राजनीतिक जीवन में संदीप की शुरुआत र्एळघ् से हुई, जहां इन्होंने दो बार मीरा-भायंदर के जिला अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने यूथ कांग्रेस के सचिव पद पर भी काम किया और र्एळघ् के महाराष्ट्र सचिव के रूप में रायगढ़, ठाणे और पालघर जिलों के प्रभारी बने। इसके बाद संदीप को कांग्रेस में विभिन्न जिम्मेदारियां दी गर्इं और वर्तमान में ये महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता और पीसीसी सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। राहुल गांधी और नाना पटोले को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हैं और उन्हीं की विचारधारा का अनुसरण करते हुए राजनीति को समाजसेवा का एक माध्यम मानते हैं। वर्तमान में वे वसई-विरार क्षेत्र में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं और नालासोपारा विधानसभा से कांग्रेस के इच्छुक उम्मीदवार हैं। संदीप पांडेय एक आदर्श पारिवारिक जीवन जीते हैं। इनका जीवन समाजसेवा, संघर्ष और नेतृत्व की एक प्रेरणादायक गाथा है।