आनंद श्रीवास्तव
मुंबई के वडाला इलाके के एक छोटे से घर में रहनेवाले सूफियान खान को आप जब देखेंगे तब मुस्कराते हुए पाएंगे। उनसे हमारी मुलाकात जब हिंदमाता के पेट्रोल पंप पर हुई तब भी उन्हें ऐसे ही मस्ती-मजाक के अंदाज में लोगों की गाड़ियों में पेट्रोल भरते देखा था। अक्सर पेट्रोल पंप पर मौजूद कर्मचारी तनाव के चलते चुपचाप अपना काम करते दिखाई देते हैं, लेकिन सूफियान तो मौज-मस्ती के साथ काम कर रहे हैं। इसका कारण पूछने पर वे बोले कि लाइफ को एन्जॉय करने का, टेंशन क्यों लेने का? यह सुन उत्सुकतावश जब उनसे बातें करनी शुरू की, तब पता चला कि नौकरी करने के साथ-साथ वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं। सुबह कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद दोपहर को पेट्रोल पंप पर नौकरी करते हैं। दोपहर ३ बजे से रात ११ बजे तक उनकी ड्यूटी रहती है।
सूफियान ने बताया कि उनके पिता अब्दुल हकीम पुणे में रहते हैं। पुणे में वे फर्नीचर बनाने का काम करते हैं। सूफियान अपनी मां और भाई-बहन के साथ मुंबई में रहते हैं। परिवार के लिए आर्थिक मदद करने के लिए सूफियान ने नौकरी करनी शुरू की, जिससे घर चलता है। यदि उन्हें खर्च के लिए कुछ पैसे की जरूरत है तो अपनी मां से मांग लेते हैं। जब उनसे उनक पढ़ाई की बात पूछी गई तो सूफियान ने बताया कि वह पेट्रोल पंप की ड्यूटी पर भी अपनी किताबें साथ रखते हैं। खाली समय और ब्रेक टाइम में वे पढ़ाई करते हैं। उनका कहना है कि, `पेट्रोल पंप के मालिक और अन्य स्टाफ उन्हें पढ़ाई में खूब मदद करते हैं, ये सारे लोग चाहते हैं कि मैं पढ़-लिखकर आगे बढ़ जाऊं।’ सूफियान का कहना है कि उनके कॉलेज के दोस्तों को भी इस जॉब के बारे में पता है, सभी लोग उनकी पढ़ाई में उनकी मदद ही करते हैं। यही हौसलाअफजाई सूफियान जैसे नौजवान को आगे बढ़ने के प्रेरित करती है।
सूफियाना का कहना है कि वह आगे पढ़ना चाहते हैं और कुछ बनना चाहते हैं। घर से उन्हें कोई जोर-जबरदस्ती नहीं है, लेकिन खुद ही वह पढ़कर ऐसा कुछ करना चाहते ताकि घर वाले आराम करें। फिलहाल, उनके साथ मां और भाई-बहन रहते हैं। वह चाहते हैं कि सभी का जीवन सुख समृद्धि से गुजरे। पिताजी पुणे में रहते हैं और फर्नीचर का काम करते हुए वहीं से घर चलाने के लिए पैसे भेजते हैं। वे मुंबई आते रहते हैं। जब मुंबई आते हैं, तब इस दौरान सभी बच्चों के साथ समय बिताते हैं। हमारी जरूरतों का भी ध्यान रखते हैं। लेकिन सूफियान चाहते हैं कि वह खुद के बलबूते कुछ ऐसा कर दिखाएं, ताकि घर वाले का सिर गर्व से ऊंचा हो जाए। सूफियान का यह जज्बा उनकी पढ़ाई और उनकी नौकरी दोनों से नजर आता है। वे दोनों को तालमेल के साथ निभाते हैं, इसलिए ऐसा लगता है कि वे अपना मिशन जरूर पूरा करेंगे।