अनिल मिश्र
हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हुए ८० प्रतिशत सेवा और २० प्रतिशत राजनीति को लक्ष्य बनाकर कठिन मेहनत करनेवाले सुरेश पाटील अपनी कमाई का २० प्रतिशत धन समाजसेवा में लगा रहे हैं। सुरेश पाटील बताते हैं कि उनके पिता बाबूराव केशव पाटील, जिला जलगांव, तहसील पाचोरा के गांव लोहारा से १९६२ में अपने साले के पास उल्हासनगर नौकरी के लिए आ गए थे। गांववालों के साथ मिलकर लड्डू बनानेवाले उनके पिता ने उसके बाद मोहना आंंबिवली में एनआरसी धागा कंपनी में स्पीनिंग का काम करने लगे। तीसरी पास होने के बावजूद वे ग्रुप लीडर थे और लोगों को प्रशिक्षण देते थे। एक बेटी और तीन बेटों सहित पिता पर अपने माता-पिता सहित दूसरी अन्य जिम्मेदारियां भी थीं। उल्हासनगर स्थित तिलक नगर में लकड़ी के झोपड़े में रहनेवाले उनके पिता ने अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए हम सभी बच्चों का पालन-पोषण किया। उल्हासनगर में हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों से प्रभावित होकर उन्होंने तिलक नगर में शिवसेना की शाखा खोली। पिता जी उस शाखा के पहले शाखाप्रमुख रहे। दसवीं तक सेंचुरी हाई स्कूल में शिक्षा लेने के बाद सुरेश पाटील रिक्शा चलाने लगे। रिक्शा के साथ ही स्क्रीन पेंटिंग कर शादी के कार्ड और विजिटिंग कार्ड बनाते थे। इतना ही नहीं, महाराष्ट्र के कोने-कोने से टमाटर लाकर उल्हासनगर में ठेले वालों के साथ मिलकर उन्होंने थोक व्यापार किया। शहर में सस्ते घरों का निर्माण कर लोगों को आसरा दिया। इन सभी कार्यों को करते हुए घर की जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया। इसी बीच पिता का स्वर्गवास हो गया। पिता द्वारा देखे गए सपने को आज सुरेश पाटील साकार कर रहे हैं। समाज के लिए आज वे अपना पैसा खर्च कर परिसर में गली, रास्ते, लाइट, पुलिस, कोर्ट जैसी समस्याओं में फंसे लोगों को सहयोग दे रहे हैं। तिलक नगर के शाखाप्रमुख बने सुरेश पाटील ने अपने दो बेटों में से बड़े बेटे दीपक को ग्रेजुएट करवाया। उनका छोटा बेटा तुषार फिल्म लाइन में आर्किटेक जैसे कार्यों में रुचि रखता है और रेखाचित्र में अच्छा कलाकार है। संजय पाटील की पत्नी मंगला पाटील भी शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के कार्यों पर निष्ठा रखते हुए उल्हासनगर विधानसभा की महिला संगठक हैं। सुरेश पाटील ने बताया कि २०१२ में उन्होंने चुनाव लड़ा और वे उसमें दूसरे नंबर पर रहे। आज शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे पर आस्था रखते हुए निष्ठावंत सिपाही की तरह जीवन को समर्पित कर वो कार्य कर रहे हैं। आज वे निष्ठावंत की श्रेणी में हैं, जिसका सुरेश पाटील को अभिमान है। सुरेश पाटील बताते हैं कि भविष्य में परिवार को दिक्कत न हो इसलिए की गई मेहनत से पैसे बचाकर गांव में एक होटल खोला गया है। सुरेश पाटील का कहना है कि जनसेवा और परिजनों की सेवा बेकार नहीं जाती। दीन-दुखियों की सेवा से परम आनंद मिलता है। मां का आशीर्वाद उन्हें विकास के मार्ग पर ले जा रहा है।