सामना संवाददाता / गुरुग्राम
मणिपुर की तरह हरियाणा भी हिंसा की आग में जल रहा है। हरियाणा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। लेकिन मेवात-नूंह में हुई हिंसा को लेकर सीएम मनोहर लाल खट्टर अभी भी गंभीर नहीं लग रहे हैं। सीएम खट्टर ऊपरी तौर पर लोगों से शांति की अपील तो कर रहे हैं लेकिन साथ ही ये भी कह कर दंगाइयों का हौसला भी बढ़ाते नजर आ रहे हैं कि हर नागरिक को सुरक्षा नहीं दे सकते हैं।
बता दें कि हरियाणा के मेवात-नूंह में हुई हिंसा पर सीएम खट्टर ने कहा कि प्रदेश की आबादी २.७ करोड़ है। हमारे पास ६० हजार जवान हैं, ऐसे में पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती। हमने अर्धसैनिक बल की ४ अतिरिक्त कंपनियां मांगी हैं। लेकिन पुलिस या सेना कोई भी सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकता। हमें शांति और सद्भाव बनाए रखना है।
गौरतलब हो कि मेवात-नूंह में हिंसा पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि नूंह में गोरक्षा के मुद्दे हैं। इस मामले की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रवर्तन ब्यूरो की होगी। इस मामले में १०० जवान तैनात किए जाएंगे लेकिन इसी के साथ सीएम ने कहा कि पुलिस हो या सेना सुरक्षा की गारंटी कोई नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि हमने अर्धसैनिक बल की ४ अतिरिक्त कंपनियां मांगी हैं। इसी के साथ उन्होंने कहा है कि हिंसा में जो भी नुकसान हुआ है, वह दंगाइयों से वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि दंगा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने लोगों को नुकसान पर दावा करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हम पोर्टल के माध्यम से लोगों को हुए नुकसान का आकलन करेंगे। उन्होंने कहा कि दंगा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खट्टर ने कहा कि इस हिंसा में ६ लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें २ पुलिसकर्मी और ४ नागरिक शामिल हैं। इस केस में अभी तक ११६ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि १९० आरोपी हिरासत में हैं। हमने तय किया है कि दंगाइयों की पहचान की जाएगी और उन्हें मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा। बाहरी व्यक्ति की भूमिका पर नजर रखी जा रही है। हम हजारों कॉल्स, सीसीटीवी वैâमरे खंगाल रहे हैं। इसके आधार पर ही ११६ लोगों को गिरफ्तार किया गया और १९० से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।