सामना संवाददाता / चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में रार मची हुई है। कई नेताओं ने बगावत कर दी है। इन्हीं में से एक महेंद्रगढ़ विधानसभा की सीट भी बीजेपी के लिए सिरदर्द बन गई है। बताया जाता है कि यहां से पार्टी ने कंवर सिंह यादव को मैदान में उतारा है। उनके नाम की घोषणा होने से पहले ही बीजेपी के ही नेता रामबिलास शर्मा ने नामांकन दाखिल कर दिया है।
रामबिलास हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, रामबिलास शर्मा को इस बात का एहसास था कि संभवत: पार्टी उन्हें इस सीट से टिकट नहीं देगी, इसलिए उन्होंने पार्टी द्वारा उम्मीदवार घोषित किए जाने से पहले ही इस निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। रामबिलास शर्मा अपने परिवार सहित नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे। इस मौके पर बीजेपी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
कार्यकर्ताओं में है नाराजगी
रामबिलास का नाम बीजेपी की किसी लिस्ट में नहीं था। बताया जाता है कि उनकी टिकट पर बड़े नेताओं ने पेच फंसाया हुआ था। लिस्ट में नाम जारी नहीं होने के बाद कार्यकर्ताओं में रोष था। इसको लेकर उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक में चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था। उसके बाद पार्टी ने उनको मनाने की काशिश भी की थी, लेकिन उन्होंने आलाकमान को स्पष्ट कर दिया कि यह उनका आखिरी चुनाव है और वह इस बार जरूर लड़ेंगे।
विचार विमर्श की वजह से टिकट में हुई देरी
उन्होंने महेंद्रगढ़ आवास पर पहले हवन किया और उसके बाद हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद अपना नामांकन भरा। नामांकन के बाद वो मीडिया से रूबरू हुए। इस मौके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि महेंद्रगढ़ विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी के रूप में मैंने नामांकन किया। उन्होंने टिकट की देरी के बारे में कहा कि बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। कहीं न कहीं विचार विमर्श की वजह से टिकट में देरी हुई।