गजेंद्र भंडारी
राजस्थान में एक व्यक्ति ने अपनी प्रेमिका की गला रेतकर हत्या कर दी। एक अन्य घटना में होली पर एक गांव में सवर्णों ने दलितों पर गोली चला दी। इस पर राजनीति शुरू हो गई है कि राजस्थान में जंगलराज की शुरुआत हो चुकी है। राजस्थान सरकार के आने के बाद से आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दल भी सरकार को आपराधिक घटनाओं पर घेर रहे हैं। लोग घटनाओं के वीडियो शेयर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि भाजपा के राज में महिलाएं और दलित सुरक्षित नहीं हैं। एक वीडियो में प्रेमी महिला के पास खड़ा दिख रहा है और पुलिस उसे लेकर जा रही है। उसने प्रेमिका का गला रेत दिया। दूसरा वीडियो आ रहा है, उसमें कुछ लोग यह कहते हुए भाग रहे हैं कि उन लोगों ने गोली मार दी। बताया जा रहा है कि यहां सवर्णों ने ४ दलित युवाओं पर गोली चलाई है।
क्रेडिट पर विज्ञापन छाप दो
जब से कांग्रेस के एकाउंट फ्रीज हुए हैं, पार्टी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। चुनाव होनेवाले हैं और पार्टी के पास पैसा नहीं है। ऐसे में चुनाव प्रचार वैâसे हो, यह बड़ा संकट है। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने मीडिया से अपील की है कि पार्टी के विज्ञापन क्रेडिट पर छाप दें और उन्हें बाद में पैसे दे दिए जाएंगे। गोविंद का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता एक-एक पाई लौटा देंगे। यह उनका वादा है। दरअसल, सत्ताधारी भाजपा को छोड़कर लगभग सभी राजनीतिक दलों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। भाजपा को तो चुनावी चंदा भी सबसे ज्यादा मिला है। ऐसे में फिलहाल भाजपा मालामाल और बाकी दल कंगाल की स्थिति में हैं।
बागियों से भाजपा को खतरा
जब से वसुंधरा राजे को पार्टी ने मुख्यमंत्री न बनाकर साइड किया है, तब से पार्टी में उनके समर्थक भाजपा छोड़ रहे हैं। इनमें प्रह्लाद गुंजल और राहुल कस्वां प्रमुख नाम हैं। कहा जा रहा है कि इनकी बगावत से भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। कांग्रेस ने प्रह्लाद को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ खड़ा कर दिया है। प्रह्लाद बड़े जनाधार वाले नेता माने जाते हैं। उनके कांग्रेस में जाने से जाहिर तौर पर भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है। भाजपा ने और कई नेताओं को इस बार रिपीट नहीं किया है इसलिए उनमें भी नाराजगी है। हालांकि, कोई खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है। इस बार राजस्थान की कई सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।