टोक्यो ओलिंपिक के बाद कोच जसपाल राणा के साथ मतभेद होने के बावजूद मनु भाकर और राणा दोनों साथ आए और पेरिस ओलिंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर मनु ने इतिहास रच दिया। एक बातचीत में मनु भाकर ने कहा, ‘वह मेरे लिए पिता की तरह हैं और यह भरोसे की बात है कि आप एक व्यक्ति पर विश्वास करते हैं। जब भी कुछ करने को लेकर मेरे मन में संदेह होता है तो वह मेरी हौसलाअफजाई करते हैं।’ मनु ने कहा, ‘वह मुझे चांटा भी लगा सकते हैं।’ मनु की इन बातों से राणा ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘तुम यहां कुछ विवाद पैदा कर रही हो।’ इस पर मनु ने कहा, ‘चांटा मारने से मेरा मतलब थप्पड़ नहीं है। मैं यह कहना चाह रही हूं कि वह मुझे अपनी सीमाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।’