‘राजश्री प्रोडक्शंस’ की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ को रिलीज हुए ३३ वर्ष हो चुके हैं। इस फिल्म के गीत-संगीत ने जहां हर गली और मोहल्ले में धूम मचाई थी, वहीं फिल्म की हीरोइन भाग्यश्री की मासूमियत और सादगी ने दर्शकों का मन मोह लिया। खैर, फूड न्यूट्रीशियन, वेलनेस का पाठ्यक्रम अमेरिका से पूरा करनेवाली भाग्यश्री इन दिनों नानावटी अस्पताल से जुड़कर डॉक्टरों के साथ काम कर रही हैं। पेश है, भाग्यश्री से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
• आपकी फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ को ३३ वर्ष हो चुके हैं। सूरज बड़जात्या और ‘राजश्री’ प्रोडक्शन के साथ आपका रिश्ता कैसा रहा?
अमोल पालेकर के शो ‘कच्ची धूप’ में मैंने काम किया। पहली बार निर्देशक बने सूरज बड़जात्या ने एक मैगजीन के कवर पर मेरी तस्वीर देखकर मुझसे संपर्क किया। मैं हायर स्टडीज के लिए विदेश जाना चाहती थी इसलिए उनका ऑफर मैंने ठुकरा दिया। सूरज जी के सात बार स्क्रिप्ट सुनाने के बाद अंतत: मैं जैसे-तैसे मान गई। मैं और हिमालय उन दिनों एक-दूसरे से डेटिंग भी कर रहे थे। सूरज जी और बड़जात्या परिवार इतने अच्छे लोग हैं कि मिसाल हैं सभी के लिए। उन्होंने बड़े धैर्य से मेरी ‘हां’ का इंतजार किया और ‘मैंने प्यार किया’ के रिलीज होते ही मैंने हिमालय से शादी कर ली।
• सूरज बड़जात्या के बेटे अवनीश बड़जात्या की डेब्यू फिल्म ‘दोनों’ में क्या आपका गेस्ट अपीयरेंस है?
मेरा गेस्ट अपीरियंस है या नहीं, ये तो फिल्म ‘दोनों’ देखकर ही आपको पता चलेगा। इस फिल्म का टाइटल ट्रैक मैंने और सलमान खान ने लॉन्च किया था। ‘मैंने प्यार किया’ की तरह फिल्म ‘दोनों’ भी लव स्टोरी है।
• आप एक्टिंग में नया क्या कर रही हैं?
पिछले वर्ष ‘किसी का भाई, किसी की जान’ और इस वर्ष फिल्म ‘राधे श्याम’ रिलीज हुई। ‘एन.आर.आई. वाइव्स’ और ‘छत्रपति’ भी हाल फिलहाल में रिलीज हुई है। कुछ नए प्रोजेक्ट साइन कर चुकी हूं। कुछ की शूटिंग पूरी कर चुकी हूं। मैंने ‘मैडॉक’ की फिल्म पूरी की है। ओटीटी प्लेटफॉर्म काफी पसंद किया जाता है। मैं नहीं जानती कि मेरी ये फिल्म थिएटर में रिलीज होगी या ओटीटी पर। मेरी यह दूसरी इनिंग मुझे खुशी दे रही है और मुझे अलग-अलग किरदार निभाने का मौका मिल रहा है।
• आपने पॉजिटिव किरदार निभाया है। क्या आप नेगेटिव किरदार निभाना चाहती हैं?
क्यों नहीं? ग्रे या नेगेटिव किरदारों में अक्सर परफॉर्मेंस का स्कोप ज्यादा नजर आता है। मैं नेगेटिव या ग्रे किरदार निभाने के लिए उत्सुक हूं।
• क्या आपने कभी अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू नहीं करना चाहा?
मैंने अपना प्रोडक्शन हाउस सही वक्त आने से पहले ही शुरू कर दिया था। बतौर निर्माता मैंने अपना पहला टीवी शो ‘कागज की कश्ती’ शुरू किया था। इस शो में मेरी मुख्य भूमिका थी और गोविंद नामदेव, राजीव वर्मा, ऋतुराज इस शो के मुख्य कलाकार थे। शो अच्छा था लेकिन मार्वेâटिंग की कमी रह गई। उस शो के बाद मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं वैâमरे के पीछे नहीं सामने एन्जॉय करती हूं। खैर, अब बच्चे बड़े हो गए हैं और दोनों अभिनय के क्षेत्र में ही हैं। आगे चलकर हो सकता है बच्चे प्रोडक्शन शुरू करें।
• फिल्म इंडस्ट्री में हुए बदलावों को आप किस तरह देखती हैं?
फिल्म इंडस्ट्री वीमेन फ्रेंडली हो चुकी है। प्रोडक्शन, डायरेक्शन, सिनेमाटोग्राफी, टेक्नीशियन, कॉस्ट्यूम सहित सभी डिपार्टमेंट्स में महिलाओं का बोलबाला है। आज से १५-२० वर्ष पहले यह माहौल नहीं था। यह बदलाव बड़ा सुकून महसूस कराता है। दूसरा अहम बदलाव ये कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बड़ा स्ट्रॉन्ग कंटेंट नजर आता है, जो रियलिस्टिक के साथ ही विविधता पूर्ण है। फार्मूले वाला मनोरंजन अब लगभग नहीं रहा। यह अच्छा बदलाव है। बुरा बदलाव जो मुझे फील होता है वो ये कि कॉर्पोरेट कंपनियां फिल्म क्षेत्र में आई हैं, जिन्हें फिल्म नहीं मुनाफा कमाना है। इनमें पैशन नहीं है। यह प्रोजेक्ट बनानेवाले लोग हैं, जिन्हें सिर्फ पैसा ही कमाना है।
• सुना है आप हेल्थ केयर, वेलनेस, फूड एंड न्यूट्रीशियन में काफी काम कर रही हैं?
विलेपार्ले स्थित हॉस्पिटल नानावटी में हेल्थ केयर सर्विसेज में इन्वॉल्व हूं। हेल्थ रिलेटेड महिलाओं की बहुत समस्याएं होती हैं। विविध कार्यों से जुड़ी महिलाएं अक्सर खुद की हेल्थ पर ध्यान ही नहीं दे पातीं। जब वो स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से घिर जाती हैं तो बड़ी मुश्किल से डॉक्टर को अप्रोच करती हैं। मैं नानावटी में मॉडरेटर हूं डॉक्टर और महिला पेशंट्स के बीच। यहां के डॉक्टर देश भर की महिलाओं को मार्गदर्शन देते हैं।