-सरकार व प्रशासन को नहीं है कोई चिंता
-लोकसभा चुनाव से पहले ही पूरी हो गई थी प्रक्रिया
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद राज्य सरकार ने एक बार फिर से विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करते हुए स्वास्थ्य विभाग के करीब एक हजार डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को बीएलओ की ड्यूटी पर लगा दिया है, इससे मनपा अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। फिर भी प्रशासन में इसे लेकर कोई चिंता नहीं दिखाई दे रही है। इसे लेकर अब मरीजों और उनके परिजनों में आक्रोश की लहर दिखाई देने लगी है।
उल्लेखनीय है कि करीब लोकसभा चुनाव से तीन-चार महीने पहले घर-घर जाकर मतदाताओं के सत्यापन का काम पूरा किया जा चुका है। लेकिन अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक आ गया है तो मनपा ने एक बार फिर इसी काम के लिए परिपत्र जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि मुंबई मनपा में काम करनेवाले ८५,००० में से करीब १० फीसदी यानी ८,५०० कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में लगाने की तैयारी प्रशासन की तरफ से की गई है। इसमें डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का भी समावेश है।
उठ रहे सवाल
मनपा के एक डॉक्टर ने कहा कि सहायक कर्मचारियों के बिना ऑपरेशन थिएटर की सफाई कैसे की जा सकती है? सर्जरी शेड्यूल करने के बारे में क्या किया जाए? आम चुनावों के दौरान कई मनपा डॉक्टरों ने गंदे ओटी के कारण सर्जरी में देरी होने की शिकायत की थी। एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि हम प्रबंधन कर लेंगे, लेकिन इसमें देरी होगी और लंबी प्रतीक्षा सूची होगी।
तैनात होंगे ९१० स्वास्थ्यकर्मी
मनपा द्वारा जारी परिपत्र में बताया गया है कि मुंबई शहर और उपनगरों में कुल ९१० डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी तैनात किए गए हैं। इसमें नायर डेंटल अस्पताल के २०, नायर अस्पताल ११५, सायन अस्पताल के १००, केईएम अस्पताल के १२०, कूपर अस्पताल के २५, उपनगरीय अस्पतालों के १६०, स्वास्थ्य विभाग के ४०० कर्मचारियों की तैनाती की गई है। सप्ताह में गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को बीएलओ का काम करना होगा, जबकि अन्य सप्ताह के दिनों में नियमित कार्यालय कर्तव्यों में भाग लेंगे।