-शिखर बैंक, महाराष्ट्र सदन, भोसरी भूखंड घोटाला मुख्य केस
-०३ हजार रुपए राहुल नार्वेकर पर लगाया था जुर्माना
-१२ जुलाई को शिखर बैंक घोटाले की होनी थी सुनवाई
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई सत्र न्यायालय के न्यायाधीश राहुल रोकड़े का तबादला कर दिया गया है, जबकि कई हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई अंतिम चरण में है। ऐसे में अब इस तबादले को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसे कई हाई-प्रोफाइल मामले रोकड़े की अदालत के समक्ष शुरू थे। न्यायाधीश रोकड़े कई सत्तारूढ़ विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ मामलों में न्यायाधीश थे। न्यायाधीश रोकड़े के समक्ष शिखर बैंक घोटाला, महाराष्ट्र सदन, भोसरी भूखंड घोटाला के मामले अपने अंतिम चरण में थे। इस बीच, रोकड़े को दिंडोशी के सत्र न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। न्यायाधीश राहुल रोकड़े ने हाल ही में एक मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर ३,००० रुपए का जुर्माना लगाया था। साथ ही राज्य सेंट्रल लाइब्रेरी घोटाला मामले में मंत्री छगन भुजबल के खिलाफ वॉरंट जारी किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि मुंबई पुलिस ने शिखर बैंक घोटाला मामले में अजीत पवार को क्लीन चिट दे दी है, लेकिन ईडी ने इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में १२ जुलाई को सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही जज राहुल रोकड़े का ट्रांसफर हो गया है।
इस बीच राहुल नार्वेकर पर जुर्माना लगाने का मामला कुछ अलग था। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ बीजेपी की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बेस्ट के महाप्रबंधक की पिटाई कर दी गई। इस पिटाई मामले में बीजेपी के २० पदाधिकारियों के खिलाफ मुंबई सेशन कोर्ट में केस चल रहा था। इस मामले में २० पदाधिकारियों में राहुल नार्वेकर का भी नाम था, लेकिन इस मामले की सुनवाई में राहुल नार्वेकर के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण जज ने उन पर ३ हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
हाई प्रोफाइल मामले
न्यायाधीश राहुल रोकड़े के सामने सबसे महत्वपूर्ण मामला शिखर बैंक घोटाला मामला था। इस मामले में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का भी नाम है। इस केस की सुनवाई अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी थी। दिलचस्प बात यह है कि राहुल रोकड़े इस मामले की सुनवाई १२ जुलाई को करनेवाले थे।
राहुल रोकड़े से पहले मंत्री छगन भुजबल पर भी मामला चल रहा था। भुजबल के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाला और कालीना सेंट्रल लाइब्रेरी घोटाला भी शामिल था।
दिलचस्प बात यह है कि विधायक एकनाथ खडसे पर लगे आरोपों और भोसरी भूखंड घोटाले के जिस मामले में वह आरोपी थे, उस मामले की शुरुआत भी राहुल रोकड़े की ही बेंच के सामने हुई थी। पूर्व सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा के खिलाफ हनुमान चालीसा का मामला भी अभी लंबित था। यह मामला भी अब सुनवाई के अंतिम चरण में था।