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गर्मी और पटाखों ने खराब की मुंबई की हवा… नवजात शिशुओं और बीमार बुजुर्गों को हुई परेशानी

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई में अधिकांश लोगों ने दिवाली के अवसर पर खूब आतिशबाजी की, जिसके बाद शहर की हवा प्रदूषित हो गई। वैश्विक एक्यूआई रैंकिंग पोर्टल आईक्यू एयर के अनुसार, दिन की शुरुआत में हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ, लेकिन शुक्रवार दोपहर को मुंबई दुनिया का छठा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। वायु प्रदूषण की निगरानी और विश्लेषण करने वाली संस्था रेस्पिरर लिविंग साइंसेज (आरएलएस) के विश्लेषण में कहा गया है कि शहर में वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। ये आंकड़े दिवाली के बाद दर्ज किए गए हैं। आरएलएस के अनुसार, शिवड़ी, कांदिवली-पश्चिम, मालाड- पश्चिम सहित मुंबई के अन्य स्थानों पर पीएम २.५ में ७० फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में वायु गुणवत्ता २२४, चेंबूर में २०७, घाटकोपर में २०१, कांदिवली-पश्चिम में २७७ और मालाड में २७५ है। बोरीवली-पूर्व में हवा की गुणवत्ता १८१ पर अच्छी बताई गई है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस हवाई अड्डे का एक्यूआई १२२ है। वहीं शिवड़ी में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जो कि ३२४ थी। इसका सबसे अधिक असर गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और बीमार बुजुर्गों पर देखने को मिला। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से दवाखानों, क्लीनिक सहित अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की भीड़ देखी गई। इन मरीजों में अधिकांश रूप से नवजात शिशु और वे बुजुर्ग शामिल थे जो दमा जैसी बीमारी से पीड़ित थे। दमा से ग्रसित मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि हवा की पटाखों के कारण हवा की गुणवत्ता खराब हुई, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं कई माताओं ने भी कहा कि उनके बच्चों में खांसी की शिकायत सामने आई।

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