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ये रहा ट्रेलर… आगे-आगे देखो होता है क्या? … संजय राऊत की हुक्मरानों को चुनौती

सामना संवाददाता / मुंबई
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता चुना गया है। कल ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया। जिस राहुल गांधी की उम्मीदवारी ओम बिरला ने रद्द कर दी थी, उन्हें राहुल गांधी ने अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया। इस दौरान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।
इसे लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता, सांसद संजय राऊत ने सत्ता पक्ष को चुनौती दी है। संजय राऊत ने फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ये तो ट्रेलर है, आगे-आगे देखो होता है क्या? पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दल को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव का विरोध नहीं किया। परंपरा है कि यह चुनाव निर्विरोध होता है, लेकिन हमने दिखा दिया कि हम आपके सामने अब भी खड़े हैं और खड़े रहेंगे। ओम बिरला ने एक झटके में १०० से ज्यादा सांसदों को निलंबित कर दिया था। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी को विपक्षी दल का नेता चुने जाने पर बधाई भी दी। हमारे राहुल गांधी अब लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं। इस संवैधानिक पद को स्वीकार करके आपने देश में लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। हम सब एक हैं और एक साथ लड़ेंगे और जीतेंगे।

राम-राम कर राहुल को बैठाना होगा
संजय राऊत ने कल दिल्ली में प्रेस कॉन्प्रâेंस की और राष्ट्रपति चुनाव, राम मंदिर की छत से पानी टपकने जैसे मुद्दों पर केंद्र की एनडीए सरकार को आड़े हाथों लिया। इस दौरान उन्होंने मोदी को धमकी भी दी है कि राहुल गांधी को रोज राम-राम करने के बाद ही नरेंद्र मोदी को सदन में बैठना पड़ेगा। देश की परंपरा है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होना चाहिए, लेकिन बीजेपी ने इस परंपरा को तोड़ दिया। राष्ट्रपति पद किसी पार्टी का नहीं होता, लेकिन पिछले दस साल से बीजेपी के शासन को मानने वाले लोग वहां बैठे हैं। यह ओम बिरला ही हैं, जिन्होंने एक साथ १०० सांसदों को निलंबित कर लोकतंत्र का गला घोंट दिया था। उन्हें कार्यालय में लाने का सचेत प्रयास किया गया।

मोदी के आदेश पर ओम बिरला ने दोनों सदनों से १४० सांसदों को निलंबित कर दिया। आप उन ओम बिरला को ही वापस ले आए। यह क्या है विपक्षी दल आपसे लोकतंत्र का सम्मान करने को कह रहा था। के. सुरेश सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। वह पीछे रह गए और एक जूनियर सांसद को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई गई। उनकी रस्सी जल गई है लेकिन बल अभी भी बाकी है।
-संजय राऊत, शिवसेना नेता व सांसद

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