रमेश सर्राफ धमोरा
जयपुर। राजस्थान की 6,759 ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित करने के मामले में सरकार ने जवाब पेश करने के लिए आज हाईकोर्ट से समय मांगा। कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह का समय दिया। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पंचायतों के चुनाव कब तक कराएगी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि हमने पंचायतीराज अधिनियम की धारा-95 के तहत प्रशासक लगाए हैं, लेकिन एक्ट में इसका उल्लेख नहीं है कि किसे प्रशासक लगाए जाए।
याचिकाकर्ता के वकील प्रेमचंद देवंदा ने कहा कि सरकार प्राइवेट व्यक्ति को प्रशासक नहीं लगा सकती है। कार्यकाल खत्म होने के बाद सरपंच निर्वाचित नहीं रहे। इनकी जगह सरकारी अधिकारी को ही प्रशासक लगाया जा सकता है। वो भी केवल 6 महीने के लिए, लेकिन सरकार ने नोटिफिकेशन में यह साफ नहीं किया है कि कितने समय के लिए प्रशासक नियुक्त कर रही है। कब चुनाव कराएगी। पंचायत चुनाव स्थगित करने के मामले में याचिका में कहा गया था कि सरकार ने संविधान के प्रावधानों के खिलाफ जाकर अवैध और मनमाने तरीके से इन पंचायतों के चुनावों को स्थगित किया है। सरकार के इस फैसले पर रोक लगाई जानी चाहिए। वहीं, राज्य चुनाव आयोग को निर्देशित किया जाए कि वह तुरंत इन पंचायतों के चुनाव कराए। सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था।
याचिकाकर्ता के वकील प्रेमचंद देवंदा ने कहा था कि राज्य सरकार ने 16 जनवरी 2025 को अधिसूचना जारी करके इन पंचायतों के चुनावों को स्थगित कर दिया। जो संविधान के अनुच्छेद 243ई, 243के और राजस्थान पंचायत राज अधिनियम 1994 की धारा 17 का उल्लंघन है। सरकार ने प्रजातंत्र की सबसे छोटी इकाई और ग्रामीण संस्थाओं को अस्थिर करते हुए राज्य की तकरीबन 6759 पंचायतों के चुनाव पर रोक लगाई है। संविधान और पंचायत राज के प्रावधानों के अनुसार पंचायत का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो जाने पर चुनाव एक दिन भी स्थगित नहीं किया जा सकता है। साथ ही जिन निवर्तमान सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे अब जनप्रतिनिधि नहीं हैं। केवल प्राइवेट व्यक्ति है। इसलिए प्राइवेट व्यक्ति को नियमानुसार पंचायतों में प्रशासक नहीं लगाया जा सकता है।
राजस्थान की 6759 ग्राम पंचायतों में जनवरी में चुनाव कराने की जगह सरकार ने मौजूदा सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया था। सरपंचों की सहायता के लिए हर ग्राम पंचायत लेवल पर एक प्रशासकीय कमेटी भी बनेगी। इसमें उप सरपंच और वार्ड पंच मेंबर होंगे। पंचायती राज विभाग ने सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने और प्रशासनिक समिति बनाने का नोटिफिकेशन 16 जनवरी को जारी किया था। राजस्थान सरकार ने मध्य प्रदेश मॉडल पर यह फैसला किया है। पहले मध्य प्रदेश सहित कई भाजपा शासित राज्य भी इसी तरह सरपंचों को प्रशासक बना चुके हैं। प्रदेश की सभी पंचायती राज संस्थाओं के एक साथ चुनाव करवाने के लिए इसे काफी अहम माना जा रहा है।