मुख्यपृष्ठनए समाचारघाती सरकार को हाई कोर्ट का झटका... २८३ मेडिकल अफसरों की नियुक्ति...

घाती सरकार को हाई कोर्ट का झटका… २८३ मेडिकल अफसरों की नियुक्ति लटकी… बीएएमएस चिकित्साधिकारियों की भर्ती में गड़बड़ी का आरोप

सामना संवाददाता /  मुंबई

मुंबई हाई कोर्ट के छत्रपति संभाजी नगर खंडपीठ ने २८३ मेडिकल ऑफिसर की भर्ती प्रक्रिया को जोरदार झटका देते हुए उस पर अंतरिम स्थगन आदेश दिया है। इस मामले को लेकर दायर याचिका के जरिए हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि बीएएमएस चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के लिए नियमों का उल्लंघन किया गया है। याचिकाकर्ता के दावे के मुताबिक, बीएएमएस मेडिकल ऑफिसर प्रक्रिया में अनुभवी डॉक्टरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इतना ही नहीं विज्ञापन में कहा गया था कि पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसा किए बिना ही आयोजित परीक्षा के परिणाम पर सीधे नियुक्तियां दे दी गईं। इस संबंध में परीक्षा अभ्यर्थियों की एक्शन कमेटी ने छत्रपति संभाजी नगर खंडपीठ में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं के वकील गौरव देशपांडे और वकील सी.एम. घोडके ने बताया कि नियुक्तियों पर कोर्ट ने अंतरिम स्थगन आदेश दिया है।
एक्शन कमेटी का आरोप है कि राज्य में बीएएमएस डिग्री धारकों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। इसमें पारदर्शिता क्यों नहीं हुई? इस तरह का जवाब मांगते हुए छत्रपति संभाजी नगर खंडपीठ में एक शिकायत दायर की गई थी। याचिका पर हाल ही में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील गौरव देशपांडे और वकील सी. एम. घोडके ने याचिका पर जिरह की। वकील गौरव देशपांडे ने कहा कि परीक्षा लेते समय कहा गया था कि अधिकतम पांच अंक दिए जाएंगे, जिसमें एक साल के अनुभव के लिए एक अंक भी शामिल होगा। हालांकि, परीक्षा के बाद उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नियमानुसार नियुक्ति दी गई। वकील सी. एम. घोडके ने कहा कि राज्य सेवा आयोग के मुताबिक परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका देना जरूरी है, ताकि अभ्यर्थी को हल किए गए सही या गलत पेपर के बारे में जानकारी मिल सके। हालांकि, ऐसा नहीं किया गया है। इन मुद्दों के आधार पर कोर्ट ने बीएएमएस मेडिकल अफसरों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है।
राज्य सरकार द्वारा बीएएमएस ग्रुप ‘ए’ मेडिकल ऑफिसर पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया नवंबर महीने में आयोजित की गई थी। बीएएमएस स्नातकों की २८३ सीटों के लिए आयोजित परीक्षा के लिए प्रदेश भर से २३ हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। आवेदनों की संख्या अधिक होने के कारण लिखित परीक्षा आयोजित की गई। यह परीक्षा बैंकिंग क्षेत्र में परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के माध्यम से आयोजित की गई थी। परीक्षा एक ही समय में दिए बिना दो सत्रों में ऑनलाइन आयोजित की गई थी।

अन्य समाचार

गुमशुदा

अर्थ तो है

घुसपैठ