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हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे मध्य वैतरणा, जलाशय फैलाएगा उजाला!

मनपा का डैम बनेगा हाईब्रिड हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट
उत्पन्न होगी २६.५ मेगावॉट बिजली
सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे मध्य वैतरणा जलाशय शहर को पानी की आपूर्ति तो करता ही है, अब यह उजाला भी फैलाएगा। इस जलाशय से अब फ्लोटिंग सौर ऊर्जा और बिजली पैदा की जाएगी। इसके लिए तैरता हुआ सौर ऊर्जा और पनबिजली उत्पादन से युक्त हाइब्रिड परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। इससे कुल २६.५ मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी। अनुमान है कि इस परियोजना से अगले ढाई साल में बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। मनपा इस हाइब्रिड बिजली उत्पादन परियोजना के कारण सालाना लगभग ९ करोड़ रुपए बचाएगी।
बता दें कि इस जलाशय से मुंबई को रोजाना ४५५ मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। मुंबई की जल आपूर्ति व्यवस्था में १ लाख ९३ हजार ५३० मिलियन लीटर क्षमता वाले इस जलाशय की ११ फीसदी हिस्सेदारी है। इस परियोजना स्थल पर सौर ऊर्जा और जल विद्युत उत्पादन के लिए वैतरणा सोलर हाइड्रो पावर जेनको कंपनी के साथ बिजली खरीद का समझौता किया गया है। इससे बिजली ४.७५ रुपए प्रति यूनिट ली जाएगी। फिर इस बिजली को राज्य ग्रिड से जोड़ा जाएगा और महाराष्ट्र राज्य पावर ट्रांसमिशन कंपनी के माध्यम से पहुंचाया जाएगा।

महावितरण के साथ मनपा का होगा समझौता
बिजली की खपत में होगी
रु. ९ करोड़ की बचत
हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे मध्य वैतरणा जलाशय से अब बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इससे राज्य में बिजली की कमी दूर करने में मदत दिलेगी। मनपा प्रशासन के मुताबिक, निकट भविष्य में बिजली खरीद के लिए महावितरण के साथ एक समझौता किया जाएगा। इस बिजली खरीद समझौते के कारण मनपा के पिसे पांजरापुर जल शुद्धिकरण संयंत्र में बिजली की खपत की लागत में लगभग नौ करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।
दो साल बाद बिजली पैदा होने की उम्मीद
पनबिजली संयंत्र स्थल पर १०-१० मेगावॉट के दो जनरेटर के माध्यम से २० मेगावॉट बिजली पैदा करना संभव होगा। इस परियोजना से संबंधित सभी पर्यावरणीय और वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रोजेक्ट का वित्तीय निपटान दिसंबर २०२४ तक होने की उम्मीद है। उसके बाद जब वास्तविक काम शुरू होगा, तब दो साल की अवधि के भीतर परियोजना स्थल पर बिजली पैदा होने की उम्मीद है।
सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजना स्थल पर कुल ६.५ मेगावॉट बिजली उत्पन्न होने की उम्मीद है। इस परियोजना स्थल पर फ्लोटिंग सोलर तकनीक पर आधारित विद्युत उत्पादन किया जाएगा। फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कुल ८.५ हेक्टेयर पानी क्षेत्र को कवर करेगा। यह परियोजना निर्माण, संचालन और हस्तांतरण के सिद्धांत पर आधारित है। परियोजना के संचालन शुरू होने से अगले २५ वर्षों तक रख-रखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी सेवा प्रदाता कंपनी की होगी।

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