मुख्यपृष्ठनए समाचारएचआईवी मरीजों को भुगतनी पड़ रही है सजा! फरवरी से चल रही...

एचआईवी मरीजों को भुगतनी पड़ रही है सजा! फरवरी से चल रही एएल की कमी

समाना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सहित हिंदुस्थान में कई एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्र कई दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में एचआईवी के वयस्क रोगियों को एंटी एचआईवी दवाओं के बाल चिकित्सा फॉर्मूलेशन देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बताया गया है कि वैकल्पिक प्रथम पंक्ति दवा के रूप में दी जानेवाली दवा अबाकवीर लैमिवुडाइन (एएल) की कमी फरवरी महीने से ही चल रही है। आलम यह है कि देश के कई हिस्सों में वयस्क रोगियों को आवश्यक खुराक प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन एक की बजाय पांच गोलियों का सेवन करना पड़ रहा है। आरोप लग रहा है कि केंद्र सरकार की नाकामी की सजा अब एचआईवी मरीजों को भी भुगतनी पड़ रही है।
हिंदुस्थान में दुनियाभर में एचआईवी मरीजों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है। हिंदुस्थान में कुल २३ लाख से अधिक लोग एचआईवी संक्रमित हैं। केंद्र सरकार ने साल २००४ में मुफ्त एंटी-रेट्रोवायरल दवाएं देना शुरू किया था। शुरुआत में पहले इलाज के लिए दवाएं मुफ्त दी गईं थीं और धीरे-धीरे मुफ्त दवाएं देना बढ़ा दिया गया था। फिलहाल, इस समय फरवरी महीने से ही वैकल्पिक प्रथम पंक्ति दवा के रूप में दी जानेवाली दवा अबाकवीर लैमिवुडाइन (एएल) की कमी चल रही है। दवाओं की इस कमी ने पूर्वोत्तर राज्यों को और अधिक गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यहां तक ​​कि बाल चिकित्सा फॉर्मूलेशन भी कम आपूर्ति में हैं।
दवा की कमी हमेशा रही है समस्या
वयस्क रोगी इलाज से न चूक जाएं, इसलिए महाराष्ट्र स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने उन्हें एएल के अतिरिक्त बाल चिकित्सा सूत्र को देने का पैâसला किया। हालांकि, रोगियों को प्रतिदिन पांच गोलियों का सेवन करना पड़ता है। सामाजिक संस्था ‘उड़ान’ के सदस्य विजय नायर के अनुसार, एक या दूसरी दवा की कमी हमेशा एक समस्या है। एचआईवी रोगी अक्सर अन्य संक्रमणों के लिए दूसरी दवाओं का सेवन करते हैं। इससे उनका उपचार और जटिल हो जाता है।
सोमवार तक वितरित हो जाएगी दवा
हिंदुस्थान में खरीद प्रक्रिया में देरी के कारण दवाओं का स्टॉक खत्म होना आम बात हो गई है। इसमें एचआईवी की दवाओं की अक्सर कमी देखी गई है, वहीं राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन केंद्रीय स्तर पर सभी एचआईवी दवाओं की खरीद करता है, जिन्हें आवश्यतानुसार राज्यों को भेजी जाती है। इसके बाद राज्यों से जिला स्तर पर पहुंचती हैं। महाराष्ट्र स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि आपूर्तिकर्ता ने गोदाम में दवा भेज दी है। इसे सोमवार तक वितरित कर दी जाएगी।

अन्य समाचार