घर

घर की साफ-सफाई होगी।
गलती की भरपाई होगी।।
और विदेशी हर फंडे की।
घर से आज विदाई होगी।।
वैचारिक बीमार जनों की।
अब तो सही दवाई होगी।
कैसे यहां स्वदेशी आए।
इस पर बड़ी लड़ाई होगी।
सुख सुविधा के उच्च शिखर पर।
सबसे बड़ी चढ़ाई होगी।।
सक्रियता को मान मिलेगा।
निष्क्रियता शरमाई होगी।
प्यार और मानवता की ही।
हरदम यहां कमाई होगी।।
हर चेहरा खुशहाल बनेगा।
हर सुविधा सुखदाई होगी।।
मौसम में हरियाली होगी।
कैसे यहां रुलाई होगी।।
हंसते-हंसते फाट पड़ेंगे।
हरदम यहां हंसाई होगी।।
अपनेपन का भाव जगेगा।
शब्दों में भरी मिठाई होगी।।
घर की साफ सफाई होगी।
गलती की भरपाई होगी।।
-अन्वेषी

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