-बॉडी को बाइक पर ले जाने को मजबूर परिजन
सामना संवाददता / पटना
बिहार में नीति सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था निम्न स्तर पर आ गई। यू कहें कि नीतीश सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है। इन दिनों अस्पतालों में न डॉक्टर हैं और न ही एम्बुलेंस है। हालात यह है कि इलाज के अभाव में मरीज तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहा है और शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं बल्कि उसके परिजन उसे बाइक पर ले जाने को मजबूर हैं। यह हालात कमोबेश बिहार के हर अस्पताल की है।
ताजा मामला बिहार के शेखपुरा सदर अस्पताल का सामने आया है, जिसमें डॉक्टर के उपलब्ध नहीं रहने के कारण एक शख्स की मौत हो गयी और बाद में शव वाहन नहीं मिलने के कारण मृतक के परिजनों को शव को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मृतक के परिजन पहले शव को बाइक पर रखते हैं बाद में वो किसी अन्य गाड़ी पर उसे लेकर जाते हैं। इससे जुड़ैया वीडियो सामने आने पर सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। जानकारी के अनुसार, मृतक राजू चौधरी शहर के अहियापुर निवासी युवक संजीत चौधरी के पिता थे। संजीत चौधरी ने बताया कि रविवार की सुबह घर में उनके पिता राजू चौधरी को छाती में अचानक दर्द होने लगा तब उन्हें बाइक से इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया। मगर अस्पताल पहुंचने पर कोई चिकित्सक नहीं रहने के कारण उनकी मौत हो गई। पिता के शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल के शव वाहन के लिए काफी प्रतीक्षा की तथा फोन भी किया, मगर एक घंटे तक शव वाहन उपलब्ध नहीं होने पर लाचारी में अंतत: पिता के शव को बाइक से ले जाया गया।