सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की ईडी सरकार के मंत्रिमंडल में अजीत पवार गुट के शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हताश नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिंदे ने कल मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें क्या मालूम था कि आगे ऐसा होगा? शिंदे का यह बयान निराशा में दिया गया बयान बताया जा रहा है। शिंदे के इस बयान को लेकर राजनीति गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
अजीत पवार गुट के पहले दिन ही नौ मंत्रियों को शपथ दिलाए जाने पर शिंदे गुट नाराज दिखाई दे रहा है। ऐसे में कई महीने से मंत्रिमंडल की प्रतिक्षा में रहे शिंदे गुट और निर्दलीय विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। निर्दलीय विधायक बच्चू कड़ू सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। बुधवार को हुई शिंदे गुट की बैठक में मंत्री पद को लेकर हुए विवाद में मुख्यमंत्री को नागपुर का दौरा आधे में छोड़कर वापस आना पड़ा था। इस पृष्ठभूमि पर मुख्यमंत्री एकनाथ ने मीडिया से कल अपनी भूमिका स्पष्ट की है। एनसीपी में फूट के बाद अजीत पवार का गुट सीधे तौर पर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गया। फिलहाल कितने विधायक अजीत पवार के साथ हैं, इसका सही आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आया है। ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसा लग रहा है कि अजीत पवार गुट ने शिंदे गुट में बेचैनी बढ़ा दी है।
अजीत पवार गुट के सरकार में आते ही ९ विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। इसलिए यह कहा जा रहा है कि शिंदे गुट नाराज है। मीडिया के इस सवाल पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। सभी विधायकों को हर विषय की जानकारी दी जाती है। क्योंकि हम शुरुआत में सीधे तौर पर सरकार से बाहर हुए थे और सत्ता छोड़कर बाहर आए थे। हमें क्या पता आगे क्या होने वाला है? लेकिन हम एक विचारधारा और भूमिका के साथ आघाड़ी सरकार से बाहर आए थे। हमने सत्ता की लालच में यह पैâसला नहीं लिया, ऐसा एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया।