‘मर्दानी-२’ और ‘बंटी और बबली’ जैसी अनगिनत फिल्मों में काम करनेवाली रानी मुखर्जी एक लंबे अर्से बाद निर्माता निखिल आडवाणी और निर्देशिका आशिमा छिब्बर की फिल्म ‘मिसेस चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ रिलीज हुई है। इस फिल्म को इतनी माउथ पब्लिसिटी मिल रही है कि इसके लिए वाकई रानी मुखर्जी बधाई की पात्र हैं। पेश है, रानी मुखर्जी से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
• एक लंबे अर्से बाद आपकी फिल्म रिलीज होने की क्या वजह रही?
बेटी आदिरा के जन्म के बाद मैंने लिमिटेड फिल्में करने का निर्णय लिया और मैं अपने इस निर्णय पर आज भी कायम हूं। मैं अपना सारा वक्त आदिरा को देती हूं और यह मेरा कर्तव्य भी है। एक मां के रूप में मुझे उसकी परवरिश करने में बेहद खुशी मिलती है। स्क्रिप्ट और किरदार पसंद आने पर ही मैं कोई फिल्म स्वीकार करती हूं।
• फिल्म ‘मिसेस चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ करने का संयोग कैसे बना?
निखिल आडवाणी के साथ मैं पहले भी काम कर चुकी हूं। फोन पर निखिल ने कहा कि वो एक सच्ची कहानी पर फिल्म बना रहे हैं। मिसेस चटर्जी का रोल मेरे सिवा कोई और नहीं कर सकता। कहानी सुनकर मैं भावुक हो गई। मैंने फिल्म साइन कर ली।
• फिल्म की कहानी और आपका किरदार क्या है?
सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म का मध्यवर्ती किरदार मिसेस सागरिका चक्रवर्ती का है। सागरिका अपने पति और दो बच्चों के साथ नॉर्वे में सेटल होती हैं और जब एक भारतीय मां की तरह वो अपने बच्चों की परवरिश करती हैं तो नॉर्वे सरकार बच्चों को अपनी हिरासत में ले लेती है। क्योंकि बच्चों की परवरिश के भारतीय तौर-तरीकों से नॉर्वे सरकार को सख्त एतराज है। बाद में अपने बच्चों को वापस पाने के एक मां किस कड़े संघर्ष से गुजरती है, यही इसकी कहानी है। यह घटना मिसेस सागरिका के साथ घटी और उनका बायोपिक मैंने निभाया। हर भावनात्मक सीन को निभाते समय मैं खुद रोई हूं, मुझे ग्लिसरीन की जरूरत नहीं पड़ी। मेरे करियर की यह सर्वश्रेष्ठ फिल्म है, ऐसा मेरा मानना है।
• इस फिल्म को करने से पहले क्या आप मिसेस सागरिका चक्रवर्ती से मिली थीं?
मैं उनसे मिलना चाहती थी लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। लेकिन निखिल ने सागरिका से मेरी रू-बरू मुलाकात प्रेस काॅन्फ्रेंस में करवाई। हम दोनों एक-दूसरे के गले लग गए।
• इस किरदार के लिए आपने कैसी तैयारी की?
पिछले ४४ वर्षों से मैं अपनी मां को देखती आ रही हूं। ‘मिसेस चटर्जी’ के टिपिकल बंगाली किरदार के लिए मैंने मेरी मां कृष्णा मुखर्जी को ही मेरा रोल मॉडल माना और उनके लहजे को कॉपी किया।
• फिल्म की कहानी के मद्देनजर नॉर्वे में शूटिंग करना कितना आसान रहा?
जब हम अपनी यूनिट के साथ एस्टोनिया में शूटिंग कर रहे थे तो यही सोच रहे थे कि हमने नॉर्वे को एक तरह से विलेन ही बना दिया। वो क्यों हमें अपने देश में शूटिंग करने की इजाजत देंगे? लेकिन उन्होंने हमें अपने देश नॉर्वे में आमंत्रित किया और शूटिंग की पूरी छूट दी, जो कि एक सुखद अनुभव रहा।
• कौन-सी फिल्में कर रही हैं आप?
‘राजा और रानी की प्रेम कहानी’ का पहला शूटिंग-शेड्यूल पूरा हुआ है। यह करण जौहर की फिल्म है।
• दिव्यांग दिवस पर आप क्या कहना चाहेंगी?
फिल्म ‘हिचकी’ में मेरे द्वारा निभाए गए किरदार को स्टैमरिंग की समस्या है। यह ठेठ शारीरिक दिव्यांग नहीं लेकिन बोलने की समस्या भी एक हैजर्ड है। इसका व्यक्ति के संपूर्ण जीवन पर असर पड़ता है। शूटिंग के दौरान मुझे एहसास हुआ कि दिव्यांग वैâसे अपनी जिंदगी जीते हैं?