नमामि गंगे योजना के तहत गंगा को निर्मल व स्वच्छ बनाने के प्रधानमंत्री मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजना केवल कागजों पर दौड़ रही है। लहुरी काशी के नाम से विख्यात गाजीपुर में तीन नगरीय क्षेत्रों के ३४ नालों का ४० एमएलडी गंदा पानी बिना शोधित किए हुए गंगा में गिर रहा है। एक एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) में १० हजार लीटर पानी आता है। यह अभी दो साल तक किसी भी कीमत पर रुकने वाला नहीं है। दरअसल, सिर्फ गाजीपुर में गंगा में गिरने वाले २६ एमएलडी पानी से कम क्षमता २१ एमएलडी का एसटीपी प्लांट बन रहा है, जो अभी तैयार नहीं हुआ है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वीडियो ट्वीट कर गंगा की सफाई को लेकर सवाल पूछा। इसके साथ उन्होंने कैप्शन लिखा, ‘पीने के पानी को प्यासी, कैसी हो गई ये काशी’। वीडियो वाराणसी के तुलसी घाट के आसपास का है। इसमें घाट किनारे गंगा का काला पानी और गंदगी दिख रहा है। कई यूजर्स ने गंगा में गंदगी पर दु:ख जताया। अखिलेश यादव इससे पहले भी कई मौके पर गंगा की सफाई को लेकर सवाल पूछे हैं। पिछले वाराणसी दौरे में भी उन्होंने बातचीत में कहा था कि नमामि गंगा से पूछो, गंगा साफ हो गई क्या? गंगा सफाई को लेकर के कितना पैसा पानी की तरह बह गया।
करोड़ों की लागत से बन रहा प्लांट
तीन निकायों में से सिर्फ एक गाजीपुर में १५२ करोड़ की लागत से २१ एमएलडी की क्षमता का एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) बन रहा है, लेकिन अभी वह दो साल बाद तैयार होगा। मुख्यालय के ददरीघाट व कलेक्टर घाट सहित २३ नालों के २६ एमएलडी पानी गिर रहा है, जबकि एसटीपी मात्र २१ एमएलडी का ही बन रहा है। जमानियां व सैदपुर का गंदा पानी रोकने के लिए कोई कार्ययोजना ही नहीं बनी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में जिले में बड़े पैमाने पर नगरीय नालों का गंदा पानी गंगा में गिर रहा है। जिले के नगर पालिका गाजीपुर के ईओ लालचंद, ईओ सैदपुर आशुतोष त्रिपाठी व ईओ जमानियां अब्दुल सकूर को जिम्मेदार मानते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। वैसे जिले के नालों का गंदा पानी वर्ष २०२४ तक गिरेगा।
दशाश्वमेध घाट पर स्वच्छता अभियान
स्वच्छ भारत मिशन के तहत एनडीआरएफ के जवानों ने कल दशाश्वमेध घाट पर सफाई की। स्वच्छता संदेश देते हुए कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि स्वच्छता को आदत बनाना होगा। अभियान के दौरान लोगों को घाटों को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक किया गया। सुनील राय, प्रदीप वर्मा ने लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता की जानकारी दी। जिला गंगा समिति की बैठक बुधवार दोपहर जिला रायफल क्लब सभागार में एडीएम सिटी गुलाब चंद की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने गंगा और उसके घाटों की सफाई पर किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। बैठक में गंगा किनारे की स्वच्छता की जिम्मेदारी संभाल रहे संस्थाओं के सदस्य शामिल हुए। घाट की सफाई के दौरान लोगों का कहना है कि सरकार केवल झूठ बोलकर गंगा के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है।
मणिकर्णिका घाट और गंगा द्वार पर डस्टबिन नहीं
एडीएम सिटी ने रमना में प्रस्तावित एसटीपी निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने को कहा। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने मणिकर्णिका घाट और गंगा द्वार के सामने सुविधाजनक बड़े डस्टबिन (अर्पण कलश) रखने का सुझाव दिया। ताकि शवदाह के बाद एवं अन्य धार्मिक निर्माल्य को लोग गंगा में न छोड़कर अर्पण कलश में विसर्जित करें। घाट पर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाने और देखरेख करने की मांग की। वेस इंडिया के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण के सुझाव दिए। वरुणा सेवा ट्रस्ट से उपस्थित सीए जमुना शुक्ला और पूजा श्रीवास्तव ने वरुणा किनारे की गंदगी को साफ करने की बात कही।