सामना संवाददाता / नई दिल्ली
रूस और यूक्रेन के बीच जंग करीब डेढ़ साल से जारी है। इस युद्ध में यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं, वहीं यूक्रेन का दावा है कि उसने भी रूस को करारा जवाब दिया है। दोनों देशों के दावे भले ही कुछ भी हों, लेकिन इस जंग में कई बेगुनाह मारे जा चुके हैं, तो कई बेघर हो चुके हैं। दुनियाभर के कई देश इस जंग की निंदा कर चुके हैं, लेकिन रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन अभी भी युद्ध को जारी रखना चाहते हैं। इसी बीच खबर आई है कि रूस के हथियार खत्म हो चुके हैं। कोरिया के तानाशाह किम जोंग चार साल बाद रूस पहुंचे हैं और चर्चा है कि किम रूस को कुछ हथियार बेचनेवाले हैं। दोनों नेताओं के बीच हथियार, अंतरिक्ष और व्यापार को लेकर मीटिंग हुई तो अब सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि पुतिन और किम की इस खिचड़ी में कितना डर छिपा है?
किम ने रूस पहुंच कर राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। पिछले ४ वर्षों में यह पहला मौका है, जब किम जोंग उन उत्तर कोरिया से बाहर निकले हैं। दोनों नेताओं की यह मुलाकात रूस के वोस्तोक कॉस्मोड्रोम शहर में हुई। कई मीडिया रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया कि किम जोंग और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच हथियारों को लेकर डील हुई है। उत्तर कोरिया के पास हथियारों का जखीरा है।
बता दें कि पुतिन और किम की मुलाकात से करीब दो महीने पहले रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु उत्तर कोरिया के दौरे पर गए थे। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि किम जोंग और पुतिन के बीच मुलाकात हो सकती है। बता दें कि सर्गेई साल १९९१ के बाद पिछले ३२ सालों में उत्तर कोरिया जाने वाले पहले रूसी रक्षा मंत्री थे। बता दें कि रूस के हथियारों की जरूरत पर दुनियाभर के एक्सपर्ट अपनी राय रख रहे हैं।
खाद्य सामग्री, रसद और ऊर्जा आपूर्ति की मांग कर सकता है कोरिया
सियोल के कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के पूर्व प्रमुख किम ताइवू का कहना है कि डेढ़ साल से अधिक समय से रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है। यूक्रेन को समय-समय पर पश्चिमी देशों का सहयोग मिलता जा रहा है, जबकि रूस अपने दम पर अभी तक मैदान-ए-जंग में टिका हुआ है। ऐसे में रूस को अब हथियारों की जरूरत है। प्रतिबंध के कारण उत्तर कोरिया में महंगाई चरम पर है। ऐसे में हथियारों के बदले रूस से खाद्य सामग्री, रसद और ऊर्जा आपूर्ति की मांग कर सकता है।
मर्सिडीज में टायलेट लेकर चलता है किम
किम जोंग अपने साथ पोर्टेबल टॉयलेट लेकर चलते हैं, ताकि उनका मल-मूत्र दुश्मनों के हाथ न लग जाए। ऐसा वे अपने डीएनए सैंपल को बचाने के लिए करते हैं। २०१८ में एटमी हथियारों पर बातचीत के दौरान डोनाल्ड ट्रंप से डील के दौरान दस्तखत की जरूरत पड़ी तो ट्रंप ने जैसे ही उनकी तरफ एक पेन बढ़ाया, किम के गार्ड्स ने लपककर उसे अपने हाथ में ले लिया और सफेद दस्ताने पहनकर साफ करते दिखे। इस बीच किम की बहन किम जो जोंग ने एक पेन निकालकर भाई को दिया। किम जोंग किसी भी हाल में अपने फिंगर प्रिंट दूसरे देश तक नहीं पहुंचने देना चाहते। इसीलिए किम के मर्सिडीज में पोर्टेबल टॉयलेट होता है।