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दोस्त को कितना बचाओगे … एक दिन तो पकड़े जाएंगे! … हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद कांग्रेस ने मोदी को घेरा

सामना संवाददाता / मुंबई
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी सहित उन्हें बचानेवालों को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच के अडानी समूह में शेयर के खुलासे के बाद अब सीधे पीएम नरेंद्र मोदी निशाने पर आ गए हैं। विपक्ष अडानी के बचाव के लिए मोदी को जिम्मेदार बताते हुए जमकर घेराव कर रहा है। विपक्ष ने चुटकी लेते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा है कि मोदी जी दोस्त को कब तक बचाओगे, एक न एक दिन तो वह पकड़ा ही जाएगा।

अडानी ग्रुप में पहले हिंडनबर्ग ने बड़ी गड़बड़ी का खुलासा किया था। उसकी जांच सेबी कर रही थी। अब हिंडनबर्ग ने नया खुलासा किया है कि सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच अडानी की कंपनी में भागीदार हैं। कथित रूप से सेबी प्रमुख घोटाले की जांच कर रही थीं, लेकिन वे खुद भी घोटाले में शामिल पाई गई हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेर लिया है। कांग्रेस ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच संयुक्त संसदीय समिति को सौंपने की भी मांग की है। हालांकि, मोदी सरकार संयुक्त संसदीय समिति बनाने को तैयार नहीं है इसलिए कांग्रेस ने भी कहा है कि मोदी कितने दिन और ‘परममित्र’ अडानी को बचाएंगे, एक न एक दिन फंस जाएंगे।

उधर सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच ने संयुक्त बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार बताते हुए कहा कि हमने अपने वित्तीय लेन-देन से संबंधित सभी दस्तावेज सेबी के पास जमा कर दिए हैं। माधवी बुच ने यह भी आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग हमारे चरित्र को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि छोटे निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सेबी ने चेयरमैन माधवी बुच पर लगे गंभीर आरोपों के साथ समझौता कर लिया है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि घोटाले के लिए जिम्मेदार माधवी बुच ने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अगर निवेशकों को अपनी कमाई गंवानी पड़ी तो किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा, प्रधानमंत्री मोदी, सेबी चेयरमैन या गौतम अडानी। क्या सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर गंभीर आरोपों पर स्वत: संज्ञान लेगा? ऐसे सवाल राहुल गांधी ने पूछे हैं।

सेबी प्रमुख के हितों का खुलासा -खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि आज उसी सेबी चेयरमैन के वित्तीय हित उजागर हो गए हैं, जिसने हिंडनबर्ग के जनवरी २०२३ के खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी के करीबी अडानी को क्लीन चिट दे दी थी। खड़गे ने कहा है कि जब तक जेपीसी से जांच नहीं होगी, वैधानिक संस्थाएं ऐसे गलत काम करती रहेंगी।

चौकीदार की चौकीदारी कौन करेगा?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोपों संबंधी हिंडनबर्ग की पोस्ट को टैग करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘क्विस कस्टोडिएट इप्सोस कस्टोडेस’ (चौकीदार की चौकीदारी कौन करेगा?)।

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