सड़कों पर लोग यातायात साधनों का करते रहे इंतजार
सामना संवाददाता /मुंबई
पिछले कुछ दिनों से चल रहे लोकसभा चुनाव प्रचार के कारण नागरिकों को मुंबई में जाम का सामना करना पड़ रहा था। चुनाव प्रचार के चलते कुछ समय के लिए मेट्रो सेवाएं बंद कर दी गर्इं और कई जगहों पर सड़कें भी डाइवर्ट कर दी गर्इं, जिससे मुंबईकरों को काफी दिक्कत हो रही थी। लेकिन सोमवार को भी मतदान के दिन बेस्ट, एसटी, टैक्सी, रिक्शा सेवाएं सीमित होने से मतदाताओं को काफी परेशानी हुई। चुनाव कार्य में बेस्ट, एसटी, टैक्सी, रिक्शा का उपयोग किए जाने के कारण सड़कों पर यातायात साधन काफी कम होने से लोगों को देर तक इंतजार करने के बाद भी कोई वाहन नहीं मिल रहे थे।
गौरतलब है कि राज्य में लोकसभा चुनाव के पांचवें और अंतिम चरण में मुंबई के छह लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए। बेस्ट व्यवस्थापन, एसटी कॉर्पोरेशन को मतदान सामग्री, चुनाव कर्मचारियों और अधिकारियों, सुरक्षा विभाग को मतदान केंद्र तक पहुंचाने और मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसलिए मुंबई के छह लोकसभा क्षेत्रों के लिए एसटी की १२७ बसें और बेस्ट की ८२९ बसें आरक्षित की गर्इं थीं। कई मतदाताओं को उनके घरों से मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं द्वारा रिक्शा और टैक्सियां आरक्षित की गई थीं। नतीजतन मुंबई की सड़कों पर ५० फीसदी से भी कम संख्या में रिक्शा और टैक्सियां चल रही थीं। रिक्शा-टैक्सी स्टैंड पर भी छिटपुट रिक्शा-टैक्सियां थीं। इससे मतदाताओं को काफी असुविधा हुई।
जानकारी के अनुसार, विकलांग मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ले जाने के लिए बेस्ट बस सेवा उपलब्ध थी। दिव्यांग मतदाताओं के लिए यह सेवा निःशुल्क थी। मुंबई उपनगरों में जहां बेस्ट की कुल ५९४ बसें, मुंबई शहर में ३८२ बसें और २१२ बसें उपलब्ध कराई गर्इं तो वहीं मुंबई शहर में व्हीलचेयर वाली १० और उपनगरों में २५ सहित कुल ३५ बसें चलीं। बेस्ट की कुल ६२९ बसें पूरी मुंबई में चलीं। साथ ही पुलिस प्रशासन के लिए २०० बेहतरीन बसें उपलब्ध कराई गर्इं। बेस्ट के कुल ३,००० बसों के बेड़े में से ८०० बसें मतदान के उद्देश्य से चल रही थीं। बाकी २,२०० बसें मुंबई की सड़कों पर चल रही थीं। लेकिन ये बसें देरी से चलने के कारण बस स्टॉप पर काफी भीड़ थी।
बांद्रा टर्मिनस पर १०० रिक्शा और ५० टैक्सियां राजनीतिक नेताओं द्वारा आरक्षित थीं। वडाला में ही लगभग ७० टैक्सियां चुनाव आयोग के लिए काम कर रही थीं। इन रिक्शा-टैक्सी का इस्तेमाल मतदाताओं को निर्मलनगर, खेरवाड़ी से मतदान केंद्र तक लाने-ले जाने के लिए किया गया था। वहीं मतदान के लिए सार्वजनिक छुट्टी घोषित होने के कारण कई कार्यालय बंद रहे, इसलिए ड्राइवरों ने टैक्सियां और रिक्शा बंद करना बेहतर समझा। आवागमन के लिए वाहन नहीं मिलने से मतदाताओं को परेशानी हुई।