मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाकैसे बढ़िया दीप जलाएं

कैसे बढ़िया दीप जलाएं

क्या दखें क्या तुम्हें बताएं।
कैसे शब्द जुबां पर लाएं।।
मौसम बिल्कुल सड़ा हुआ है।
कैसे इस पर बात चलाएं।।
खामोशी भी बोल रही है।
कैसे सत्य सामने लाएं।।
भाषा में आ गई गिरावट।
कैसे आज उन्हें समझाएं।।
सीमाएं सब टूट चुकी हैं।
कितना हम अवमूल्यन गाएं।।
उम्मीदों ने धोखा खाया।
कैसे हम उत्साह जगाएं।।
इतने घने अंधेरे में हम।
कैसे बढ़िया दीप जलाएं।
आओ एक बार हम सोचें।
सपने को साकार बनाएं।।
एक साथ हम करें एकता।
मौसम का हम पता लगाएं।।
आजादी के लिए जोर का।
धक्का देकर काम बनाएं।।
बागडोर हाथों में लेकर।
कर्ज मुक्ति का बिगुल बजाएं।।
केवल एक लक्ष्य हो अपना।
जनता में हरियाली लाएं।।
खुशियां चहंक उठें बागों में।
जीवन को हम सफल बनाएं।।
भारतमाता के चेहरे पर।
किसी तरह खुशहाली लाएं ।।

बताओ यार

कुछ तो सही बताओ यार।
अपना अनुभव गाओ यार।।
हमने तो अपना कह डाला।
तुम भी कुछ बतलाओ यार।।
कहां गया आदर्श हमारा।
उसका पता लगाओ यार।।
नैतिकता की मृत्यु हो गई।
कुछ तो शोक मनाओ यार।।
मूल्य हमारे बिखर गए हैं।
थोड़ा तो समझाओ यार।।
ऊपरवाले क्या कहते हैं।
नीचे तक मत लाओ यार।।
भाषा में आ गई गिरावट।
तुम भी प्रश्न उठाओ यार।।
विश्व गुरु का प्यारा तमगा।
हमको जरा दिखाओ यार।।
बहुत बड़े थे मान रहा हूं।
अब क्या हैं बतलाओ यार।।
कर्जखोर हमको कहते हैं।
इसका अर्थ बताओ यार।।
मानवता बीमार पड़ी है।
चलकर उसे बचाओ यार।।
अच्छा दिन कैसा आया है।
जल्दी इसे हटाओ यार।।
बहुत हो चुका अब तो आकर।
सारा दर्द मिटाओ यार ।।
-अन्वेषी

अन्य समाचार