उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के बांसी कोतवाली क्षेत्र के गोनहाताल की रहने वाली महिला के साथ एंबुलेंस में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। वारदात छावनी थाना क्षेत्र में २९ अगस्त की रात को हुई। महिला ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर एंबुलेंस कर्मियों ने उसके पति को बाहर फेंक दिया। पीड़ित महिला ने लखनऊ के थाना गाजीपुर में एक अक्टूबर को तहरीर दी है। जिसके बाद पुलिस ने एंबुलेंस चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बस्ती पुलिस भी जांच कर रही है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस कर्मियों ने उसके पति को बस्ती के पास ऑक्सीजन हटाकर बाहर फेंक दिया। जिसके बाद उसने डायल ११२ पर सूचना दी। घटनास्थल पर पुलिस पहुंची और महिला के पति को सीएचसी हर्रिया में भर्ती करवाया। जहां उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान पीड़िता के पति की मौत हो गई। पीड़िता ने बताया कि उसके पति की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी। जिसको लेकर वह बस्ती मेडिकल कॉलेज गई थी।
जहां तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। लखनऊ मेडिकल कॉलेज में सीट खाली न होने की वजह से उसने अपने पति को इंपीरिया न्यूरोसाइंस मल्टी स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इलाज में ज्यादा खर्च होने की वजह से २ दिन के बाद उसने पति को वहां से डिस्चार्ज करवा लिया। अस्पताल में किसी ने उसको प्राइवेट एंबुलेंस का नंबर दिया, एंबुलेंस से वह पति को लेकर घर के लिए रवाना हुई थी। साथ में भाई भी था। रास्ते में कुछ दूर चलने के बाद एंबुलेंस चालक ने उसे आगे की सीट पर बैठने का दबाव डाला। रास्ते में एंबुलेंस के ड्राइवर और उसके साथी ने छेड़खानी शुरू कर दी। उसने विरोध किया और चिल्लाने की कोशिश की। डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बस्ती पहुंचने से कुछ दूर पहले इन लोगों ने पति को एक सुनसान जगह पर फेंक दिय्, जिससे बीमार पति को चोटें आर्इं और ऑक्सीजन पाइप निकलने की वजह से उनकी मौत हो गई।