मुख्यपृष्ठनए समाचारएसआरए में धांधली की सैकड़ों शिकायतें ...जांच में एसीबी की अनदेखी

एसआरए में धांधली की सैकड़ों शिकायतें …जांच में एसीबी की अनदेखी

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बड़ी संख्या में गरीबों के हक का आवास साकार करनेवाले झोपड़पट्टी पुनर्विकास प्राधिकरण (एसआरए) की कदाचारों के संबंध में अब तक एसीबी में सैकड़ों शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन एसीबी की ओर से इन शिकायतों को फिर से एसआरए की उच्च स्तरीय समिति को भेज दिया जाता है। शिकायतों पर टाल-मटोल के खेल के कारण एसआरए में किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। ऐसे में एसआरए के मामलों की मॉनिटरिंग के लिए एक त्रिपक्षीय समिति के गठन की मांग जोर पकड़ रही है।
कोर्ट के आदेश के अनुसार,यदि जागरूक नागरिक, गृहनिर्माण संस्था, सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण में अधिकारियों द्वारा की गई धांधली के बारे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत की जाती है। इसके बाद फिर से उन्हें एसआरए उच्च स्तरीय समिति के पास भेजा जाता है। आरटीआई और सामाजिक कार्यकर्ता योगेश खेमकर ने एक आरटीआई आवेदन दायर कर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग द्वारा एसआरए की उच्चस्तरीय समिति को भेजे गए मामलों का विवरण मांगा था। उसके जवाब में बताया गया कि एसीबी की ४५२ शिकायतों को एसआरए में फिर से वर्गीकृत कर दिया गया है, लेकिन एसीबी को मिली शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने फॉलोअप करना छोड़ दिया।
कार्यालय में दर्ज शिकायत
योगेश खेमकर ने कहा कि पता चला है कि कोर्ट ने केवल एक मामले में एसीबी को प्राप्त शिकायतों को एसआरए की उच्चस्तरीय समिति को वर्गीकृत करने का आदेश दिया है, लेकिन कोर्ट के ये आदेश सीधे तौर पर सभी मामलों पर लागू होते हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक संजय पोतनीस ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर एसआरए में काम की मॉनिटरिंग और काम में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बेस्ट समिति की तर्ज पर एसआरए में एक समिति बनाने की मांग की थी। इस समिति में नियुक्तियों के संबंध में मानदंड तैयार किया जाना चाहिए। सुझाव दिया गया कि इस समिति में सांसद, विधायक और नगरसेवकों को शामिल किया जाना चाहिए।

 

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