सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) ने धारावी पुनर्विकास परियोजना कार्य की आधारशिला रखी है। डीआरपीपीएल की ओर से भूमिपूजन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भूमिपूजन १२ सितंबर को होगा, जिसके बाद ‘धारावी बचाओ आंदोलन’ की तरफ से डीआरपीपीएल के भूमिपूजन कार्यक्रम को न होने देने की चेतावनी दी गई है। यही नहीं भूमि पूजन समारोह के विरोध में ‘धारावी बचाओ आंदोलन’ बुधवार को भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है। बताया जाता है कि इस भूख हड़ताल में सैकड़ों धारावीकर भाग लेंगे और इस मौके पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद अनिल देसाई और कांग्रेस की सांसद वर्षा गायकवाड भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि धारावी पुनर्विकास का ठेका अडानी समूह को दिया गया है। यह पुनर्विकास डीआरपीपीएल के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा। पुनर्विकास की विस्तृत योजना तैयार की गई है, लेकिन अभी इसे मंजूरी नहीं मिली है। निवासियों की पात्रता निर्धारित करने का काम अभी चल रहा है और यह काम मार्च २०२५ में पूरा हो जाएगा। ‘धारावी बचाओ आंदोलन’ के बाबूराव माने ने कहा कि सभी धारावीवासियों को धारावी में ही घर दिया जाएं, झुग्गीवासियों को ५०० वर्ग फीट के घर दिए जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी कई मांगों को अभी तक नहीं माना गया है। तो ऐसे में भूमिपूजन कैसे होगा? बाबूराव माने ने कहा कि धारावी पुनर्विकास के लिए भूमि पूजन एक धोखाधड़ी है।