उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट में पति-पत्नी का एक केस आया था। पत्नी का कहना था कि पति उसे प्रताड़ित करता है और उसने उससे अप्राकृतिक यौन संबंध भी बनाए। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि पति अपनी बीवी से संबंध बनाने की मांग नहीं करेगा तो और किससे करेगा? वो अपनी शारीरिक यौन इच्छाओं को संतुष्ट करने के लिए कहां जाएगा? पति-पत्नी के बीच यौन इच्छाओं का केस क्रूरता नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, हाई कोर्ट ने ये पैâसला तब लिया, जब बीवी द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। दोनों के बीच झगड़ा संबंध बनाने को लेकर था। पति ने बताया कि वो जब भी अपनी पत्नी से संबंध बनाता है तो उसकी बीवी को वो अननेचुरल लगता है। मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो इसकी जांच करवाई गई। कोर्ट ने एफआईआर की जांच के बाद यह पाया कि प्रताड़ना या मारपीट का कोई ठोस सबूत नहीं था। नोएडा में २३ जुलाई २०१८ को यह मामला दर्ज हुआ था। यहां रहने वाले इंजीनियर की शादी ७ दिसंबर २०१५ को हुई थी। पत्नी ने अपने पति और उसके परिवार पर दहेज की मांग और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। पत्नी ने यह भी कहा कि मेरा पति शराब का आदी है। वह मेरे साथ अननेचुरल सेक्स की मांग करता है।