सामना संवाददाता / मुंबई
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आज २० अप्रैल को लग रहा है। इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है क्योंकि यह पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण के बीच की अवस्था होगी। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण १०० साल में एक बार होता है। इस सूर्य ग्रहण का नाम ‘निंगालू’ रखा गया है। इस साल दो सूर्य ग्रहण लगनेवाले हैं, पहला सूर्य ग्रहण कल और दूसरा सूर्य ग्रहण १४ अक्टूबर को लगेगा। आज लगनेवाला सूर्य ग्रहण हिंदुस्थानी समय के अनुसार, सुबह ०७ बजकर ०४ मिनट से प्रारंभ होगा और इस सूर्य ग्रहण का समापन दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर होगा। सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राहु और केतु सूर्य का ग्रास करने आते हैं तो सूर्य ग्रहण लगता है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा की छाया धरती को पार करके आगे निकल जाती है। उस दौरान कुछ सेकंड के लिए सूर्य एक वलय के समान दिखाई देता है। हालांकि, साल का यह पहला सूर्य ग्रहण हिंदुस्थान में नहीं दिखेगा। यह पूर्व और दक्षिण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर और अंटार्कटिका से दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण हिंद और प्रशांत महासागर में कुछ सेकंड के लिए ही दिखाई देगा।
मांगलिक कार्य नहीं
सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण प्रारंभ समय से १२ घंटे पूर्व ही प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है, इसलिए उस समय में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। पूजा-पाठ भी बंद रहता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होती है। सूतक काल में भोजन और सोना दोनों ही मना होता है। सूर्य ग्रहण के दिन अपनी उच्च राशि मेष में सूर्य देव रहेंगे। इसके साथ ही मेष राशि में बुध और राहु की उपस्थिति होगी।