फिल्म ‘प्रेम अगन’ से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करनेवाले फरदीन खान की यह फिल्म भले ही सफल नहीं हो पाई, लेकिन इस फिल्म के लिए न केवल सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का डेब्यू पुरस्कार उन्हें मिला, बल्कि इस फिल्म के जरिए उनका करियर आगे बढ़ा। संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ में वली मोहम्मद का किरदार निभानेवाले फरदीन इन दिनों चर्चा में हैं। पेश है, फरदीन खान से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
इंडस्ट्री में अपनी वापसी के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
मैं संजय लीला भंसाली का बेहद शक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे अपने इस ‘लार्जर दैन लाइफ’ वाले खूबसूरत प्रोजेक्ट में कास्ट किया। अगर मैं कहूं कि पिछले १४ वर्षों से मैं इस इंतजार में था कि जब भी मेरी वापसी हो दिग्गज मेकर और बड़े प्रोजेक्ट के साथ हो। मेरा यह सपना आज ‘हीरामंडी’ वेब शो के जरिए साकार हुआ। हम सभी जानते हैं कि जब हम काम करते हैं तो हमारा चेहरा न सिर्फ दर्शकों, बल्कि इंडस्ट्री के सामने होता है। अगर काम नहीं कर रहे हैं तो इंडस्ट्री आपको दबी जुबान में रिटायर्ड कर देती है। १४ वर्षों का मेरा गैप काफी लंबा हो चुका था, ऐसे में मेरी वापसी इतनी आसान नहीं थी।
क्या आपने भंसाली से संपर्क किया था?
मैंने काफी पहले उनसे संपर्क किया था। आखिर, उनके साथ कौन काम नहीं करना चाहेगा? उस समय वे फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की शूटिंग में व्यस्त थे और फिल्म की कास्टिंग हो चुकी थी। उन्होंने मुझसे कहा कि निकट भविष्य में वे मेरे लिए संभावनाएं टटोलेंगे। उनका यह कहना मुझ में खुशी की लहर भर गया। जब नेटफ्लिक्स के लिए ‘हीरामंडी’ का प्रोजेक्ट उनके पास आया तो उन्होंने ‘वली मोहम्मद’ के किरदार के लिए मुझसे बात की। किरदार से ज्यादा मायने यह था कि मैं उनके साथ काम करूंगा। भंसाली का लेवल बहुत अलग है और वे अपने कलाकारों से वैâसे परफॉर्म करवाते हैं यह बहुत बड़ा मैजिक है।
क्या यह सच है कि भंसाली ने एक बार आपसे कहा था कि आपकी आंखों में उन्हें ‘फायर’ नजर नहीं आता?
कुछ वर्ष पहले मैंने उनके जुहू स्थित ऑफिस में उनसे संपर्क किया था। मेरी खुशनसीबी थी कि वो मिलने के लिए मान गए। उनके ऑफिस में मुलाकात के २०-२५ मिनट बाद जब वो मुझे दरवाजे तक छोड़ने आए तो उन्होंने मुझसे कहा, ‘फरदीन, तुम्हारी आंखों में मुझे वो चमक नजर नहीं आती जिसकी मैं अपने कलाकारों से अक्सर ख्वाहिश रखता हूं।’ मैंने कहा, ‘मैं कोशिश करता हूं कि मेरी आंखों में वो चमक आपको मिल जाए।’
सुना है भंसाली बहुत सख्त मिजाज हैं, आपका निजी अनुभव क्या रहा?
उनके लिए हर शॉट, हर टेक बेस्ट ही होना चाहिए। अगर उनकी लेवल से एक इंच भी कमतर काम हो तो उन्हें वह गंवारा नहीं। मेरी राय में हर कलाकार अपना काम उनकी लेवल के अनुसार ही करने का आदि है, इसलिए उन्हें सख्त कहना गलत होगा। वे जब काम के जोन में चले जाते हैं, पूरी तरह से कहानी और किरदार हो जाते हैं। जब ब्रेक होता है तो उनके जैसा खुशमिजाज शख्स मैंने नहीं देखा। हालांकि, उन्हें खुश करना उतना आसान भी नहीं है।
तवायफों की इस कहानी में आपके किरदार को कितना स्कोप मिला?
नेटफ्लिक्स पर ‘हीरामंडी’ स्ट्रीम हो चुकी है। कोई नहीं कह सकता कि ८ एपिसोड्स वाली इस कहानी में सिर्फ अभिनेत्रियां ही हैं। सभी पुरुष किरदार भी मायने रखते हैं। इस समय उम्र के जिस पड़ाव पर मैं हूं वली मोहम्मद का किरदार सटीक है। जाहिर-सी बात है मैं २५-३० उम्र के हीरो का किरदार नहीं निभा पाऊंगा। मेरे लिए कोई ऐसा ही किरदार उपयुक्त होगा, जो मेरी उम्र के साथ किरदार भी परिभाषित करे। अगर भंसाली मुझसे कहते कि फरदीन आप बस क्लैप बोर्ड पकड़कर सेट पर उपस्थित रहिए, मुझे वो भी मंजूर था। मुझे किसी न्यूकमर वाली फीलिंग होती रही। देर से सही लेकिन मेरा यह ख्वाब पूरा हुआ।
क्या भंसाली ने आपको फिल्म ‘ब्लैक’ के लिए संपर्क किया था?
यह अफवाह है। अगर ऐसा कोई ऑफर आया होता तो क्या मैं उसे मना कर देता? संभव नहीं है। फिल्म ‘ब्लैक’ उनकी बेहद आयकोनिक फिल्म है और हमेशा रहेगी। इस फिल्म को अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी ने अमर बना दिया।
क्या फिल्मों में काम करना आप जारी रखेंगे?
इरादा तो यही है। एक और प्रोजेक्ट मैं साइन कर चुका हूं। देखिए, आगे किस तरह के किरदार मुझे ऑफर होते हैं।