मुख्यपृष्ठग्लैमरमैं अच्छा बनकर ऊब चुका हूं!- नमन शॉ

मैं अच्छा बनकर ऊब चुका हूं!- नमन शॉ

अभिनेता और निर्माता के रूप में कई धारावाहिकों में काम करनेवाले नमन शॉ द्वारा अभिनीत शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ ने इतिहास रच दिया था। इस शो में नकुल विरानी का किरदार निभानेवाले नमन शॉ आगे चलकर ‘कसौटी जिंदगी की’, ‘कसम से’ जैसे शोज के जरिए लाइम लाइट में आए। इन दिनों वे नमन ‘कलर्स’ पर शुरू हुए शो ‘मंगल लक्ष्मी’ में नजर आ रहे हैं। पेश है, नमन शॉ से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

– शो ‘मंगल लक्ष्मी’ को स्वीकारने की वजह क्या रही?
मैं इस शो ‘मंगल लक्ष्मी’ में पहली बार नेगेटिव किरदार निभा रहा हूं। मेरे लिए भी यह सबसे बड़ा चैलेंज है। मैं हीरो बनकर सफल रहा लेकिन मैं अच्छा बनकर ऊब चुका हूं। कहानियों और किरदारों में बहुत अच्छा बनने के बाद मुझे लगा कि मेरे दर्शक मुझे गंभीरता से लें। मैंने जब प्राइम टाइम में शो ‘मंगल लक्ष्मी’ के आने की बात सुनी तो मैंने इस किरदार को हाथ से न जाने देने की बात सोची और शो को करने का निर्णय ले लिया। मुझे चॉकलेट बॉय नहीं बनना।
– आपके नेगेटिव किरदार को शो में कहां तक स्कोप मिलेगा?
शो का प्रोमो देखने के बाद आपको अंदाजा हो जाएगा कि मेरा किरदार कितना पावरफुल है। मेरी ही करतूतों के कारण परिवार में अशांति पैâली है। मैंने हमेशा नोटिस किया है कि पॉजिटिव किरदार करनेवालों को अक्सर पीछे खड़े रहना पड़ता है, जबकि नेगेटिव किरदार ही ऐसे होते हैं, जिनकी कहानी में तूती बोलती है। कहानी में जो ड्रामा पैदा होता है वो कहानी के नेगेटिव या ग्रे शेड्स वाले ही कलाकारों की वजह से पैदा होता है। मुझे भी शो में अपनी जगह पैदा करनी थी। लिहाजा, मैंने नेगेटिव किरदार को बड़ी खुशी से स्वीकारा।
– आपका किरदार क्या है?
मंगल कहानी की मुख्य नायिका है। बेहद सुशील, एक आदर्श स्त्री है और मैं मंगल का पति आदित बना हूं। आदित एक आईटी इंजीनियर है और अपनी मां का बहुत ही लाडला है। आदित हर छोटी-बड़ी बात अपनी मां से पूछकर ही करता है। मां का हर शब्द उसके लिए लक्ष्मण रेखा समान है। मां चाहती है कि बेटे आदित का विवाह हो जाए और उसका घर बस जाए। आदित सिर्फ मां के कहने पर शादी तो कर लेता है लेकिन उसे मंगल यानी अपनी पत्नी से प्यार नहीं है। वो इस गलतफहमी का शिकार है कि उसकी पत्नी उसके स्तर की नहीं है। खुद को हर मामले में महान समझने वाला आदित समझता है कि उसे मंगल से कई गुना ज्यादा बेहतर पत्नी मिलनी चाहिए। आदित अपनी पत्नी से प्यार नहीं करता और न ही उसे आदर-सम्मान की भावना से देखता है। उसके लिए उसकी पत्नी मंगल घर की मुर्गी है।
– दुष्ट पति की भूमिका निभाने के लिए आपने किस तरह की मानसिक तैयारी की?
एक दुष्ट पति दिखने के लिए मुझे आदित की दुष्टता को खुद में उतारना था। एक्टिंग में सबसे बड़ा चैलेंज यही होता है कि आप कितना निरीक्षण करते हैं। हमारे समाज में ऐसे कई मर्द हैं, जो अपनी पत्नी के साथ बेरुखी से पेश आते हैं। पत्नी का दर्जा छोड़िए उसके साथ वे इंसानियत से भी पेश नहीं आते। मैंने कुछ करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों को देखा है, जिनका रवैया अपनी पत्नी के साथ बहुत ही वाहियातभरा है। आदित का किरदार निभाने के लिए मुझे अपने ही समाज के इन लोगों का व्यवहार याद आया, जिसे मैंने रू-बरू देखा है।
– आदित के किन गुणों से आप रिलेट करते हैं?
मैं किसी भी सूरत में आदित जैसा नहीं हूं। मैं महिलाओं को सम्मान देता हूं और मेरी यह भावना दिखावे के लिए नहीं है। अपने ही घर की नहीं, बल्कि सभी स्त्रियों को मैं आदर से ट्रीट करता हूं। मुझमें और आदित में कोई समानता नहीं है। हमारा कोई मेल नहीं है।
-अभिनेता होने के बावजूद निर्माता बनने का खयाल आपको वैâसे आया?
नए चैलेंजेस स्वीकारना एक जूनून की तरह है। हर इंसान के लिए जीवन में आगे बढ़ना जरूरी है। मैं लगातार १५-२० वर्षों से काम करता रहा हूं। कुछ अलग करना चाहता था। मेरी पत्नी का मानना है कि एक एक्टर की लाइफ कभी सिक्योर्ड नहीं हो सकती। आप महीने के २६ दिन काम करते रहें, यह जरूरी तो नहीं। इसलिए मैंने निर्माण में कदम रखा था और यही वजह है कि एक्टिंग से मैंने ७ वर्षों का ब्रेक लिया।

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