मनोजश्रीवास्तव/लखनऊ
उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी यूपी पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप अक्सर लगातार लगाती ही रहती है। लेकिन अब फर्जी एनकाउंटर का आरोप एक ऐसे व्यक्ति ने लगाया है जो खुद कह रहा है कि सहारनपुर के जनसेवा केंद्र में लूट तो मैंने की थी लेकिन पुलिस ने दो निर्दोष युवकों का एनकाउंटर कर दिया है। यही नहीं, यह व्यक्ति कह रहा है कि लूट में केवल 6900 रुपए ही लूटे गए थे लेकिन पुलिस एनकाउंटर में 25 हजार रुपए बरामद होने का दावा कर रही है। आखिर बाकि रुपए पुलिस को कहां से मिले और किसने दिए।
सहारनपुर के एक जनसेवा केंद्र में चार बदमाशों ने असलहे के दम पर लूटपाट की थी। पूरी घटना भी सीसीटीवी में कैद हो गई थी। इस लूट का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। इस लूट को छह लोगों के साथ अंजाम देने वाले बदमाश ने अब अपना वीडियो बनाकर वायरल किया है। इस वीडियो को जो भी देख रहा है पुलिस की कारस्तानी पर हंस रहा है। हालांकि पुलिस की सफाई भी इस बारे में सामने आई है।
सबसे पहले जानिए जनसेवा केंद्र में क्या हुआ था
यहां के अंबेहटा पीर के मुख्य बाजार में एसबीआई बैंक के सामने अखिलेश जैन का जनसेवा केंद्र है। 21 दिसंबर को दो बाइकों पर सवार होकर 4 नकाबपोश बदमाश केंद्र में घुस आए थे। काउंटर पर पहुंचते ही कर्मचारियों पर दो बदमाशों ने बंदूक तान दी। इसके बाद कैश की दराज खीचकर कर्मचारियों के सामने रख दी थी। इसमें मौजूद पूरे रुपए लूट ले गए थे। जनसेवा संचालक ने डेढ़ लाख की लूट बताई थी। पूरी घटना भी सीसीटीवी में कैद हो गई थी। अखिलेश यादव और कांग्रेस ने भी सीसीटीवी के वीडियो को पोस्ट कर योगी सरकार पर निशाना साधा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया था।पुलिस ने छह दिन बाद 27 दिसंबर को तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में निखिल, जुनैत और अभिषेक का हाफ एनकाउंटर (पैर में गोली मार) करके गिरफ्तारी दिखाई। चौथे इस्तखार को पकड़ा था। इन लोगों के पास से 25 हजार रुपए बरामदी दिखाई थी।
तब एसपी देहात सागर जैन ने बताया था कि विन्नी नागर लूट में शामिल था। वह 25 हजार रुपए का इनामी है। अब उस पर 50 हजार का इनाम घोषित करेंगे। इसे लेकर डीआईजी को लेटर भेजा है। घटना में विन्नी नागर समेत 4 लोग फरार हैं। जिन्हें जल्द पकड़ा जाएगा।सोमवार को जारी की गयी यूपी पुलिस की इस रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2024 के बीच शानदार प्रदर्शन करते हुए अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। इस अवधि में 217 अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। इसके अलावा 7799 अपराधियों को घायल कर गिरफ्तार किया गया। इन अभियानों में 17 पुलिसकर्मियों ने शहादत दी, जबकि 1644 पुलिसकर्मी घायल हुए।”