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जान भी चली जाए तो परवाह नहीं … महाराष्ट्र तानाशाहों के हाथ नहीं जाने दूंगा! -उद्धव ठाकरे का जनसंकल्प

सामना संवाददाता / मुंबई
देश के संविधान को बदलने की घोषणा हो रही है, महाराष्ट्र के हिस्से के उद्योग अन्य राज्यों में ले जाए जा रहे हैं। आज हमारे महाराष्ट्र की अस्मिता को कुचला जा रहा है। देश में तानाशाही शुरू है। इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में एक तानाशाह घूम रहा है। उन्होंने कहा कि एक मई को मैं संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दूंगा। लेकिन आज इस सभा के माध्यम से हमें उन शहीदों को सिर्फ आदरांजलि ही नहीं देना है, बल्कि हमें शपथ भी लेनी होगी, यह संकल्प लेना होगा कि महाराष्ट्र को तानाशाहों के हाथों में नहीं जाने देंगे। उन्होंने यहां जनसंकल्प लेते हुए कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे मेरी जान क्यों न चली जाए, लेकिन ये महाराष्ट्र तानाशाहों के कब्जे में नहीं जाने दूंगा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक बयान दिया है कि वे संविधान को बदल देंगे। वे महाराष्ट्र से नफरत करते हैं। लेकिन याद रखो, यदि संविधान को हाथ भी लगाया तो महाराष्ट्र धधक उठेगा। ऐसी चेतावनी देते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा और मोदी सरकार को संविधान बदलने के बयान पर घेरा। उन्होंने कहा कि संविधान को बदलने के लिए भाजपा बहुमत चाहती है। दलित परिवार में जन्मे, महाराष्ट्र के बेटे बाबासाहेब आंबेडकर ने यह संविधान लिखा है।
भाजपा को यही हजम नहीं हो रहा है कि यह दलित मूल का व्यक्ति बुद्धिमान कैसे हो सकता है? बाबासाहेब के संविधान से गौमूत्र वाले हिंदुत्ववादियों के पेट में दर्द हो रहा है इसलिए वे महाराष्ट्र में उनके बेटे द्वारा बनाए गए संविधान को बदलना चाहते हैं। तुम्हें महाराष्ट्र से द्वेष है, लेकिन याद रखो यदि तुमने संविधान को हाथ भी लगाया तो महाराष्ट्र धधक उठेगा। अगर तुम लोगों में हिम्मत है तो संविधान को बदलने का साहस करके दिखाओ। ऐसी चुनौती देते हुए उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला। वे बारामती में शरद पवार की बेटी व उम्मीदवार सुप्रिया सुले की प्रचार रैली में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने १० साल में आरक्षण क्यों नहीं दिया? कोर्ट ने दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को लेकर केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन भाजपा ने लोकसभा में बिल लाकर कोर्ट का फैसला बदल दिया। अगर आप कोर्ट के फैसले को बदलने के लिए बिल ला सकते हैं तो धनगर और मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए ऐसा क्यों नहीं करते? आखिरकार, उन्हें आरक्षण क्यों नहीं दिया गया? उन्होंने कहा कि आप आरक्षण बिल लाओ और हम इसका समर्थन करते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया, ऐसा उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया।

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