जीवन मिला है जीने के लिए,
मत गवां व्यर्थ की सोच में,
चौरासी लाख योनियों से निकल कर
अपने पुण्य कर्मों से अर्जित
अमूल्य मानव जीवन के लिए
प्रभु का धन्यवाद कर भाल टेक।
पाया धरा के श्रेष्ठ जीवन का बुद्धि विवेक,
सतत प्रयास कर चलने का
पकड़ी तूने जो डगर नेक।
जीवन मिला है जीने के लिए,,,
पशुता से मानवता की राह
आसान नहीं थी तेरे लिए
तू चलता -चलता ही गया
हर पग आगे धरता ही गया
अपने में कर गुणों का समावेश।
जीवन मिला है,,,,,,,,,,,
प्रकृति पर पायी विजय अपने ज्ञान बोध से
भू,जल,नभ से आगे
खोज रहा रहस्य ब्रह्माण्ड के
तेरी सतत खोज से विश्व हुआ समृद्ध
जीवन मिला है,,,,,,,,,,
भक्ती, प्रेम,दान,दया, क्षमा के साथ
द्वेष,वेमनस्य,कपट को भी किया आत्मसात
कहीं असुर , पिशाच बना तू
कहीं ज्ञानी, तपस्वी, ऋषि
तूने धारे रूप अनेक।
जीवन मिला है,,,,,,,,,,
प्रशस्त मार्ग हे विनम्र जीवन,
कुंठाओं से निकल बाहर
राम , कृष्ण, बुद्ध,नानक
के पथ का राही बन,हिंसा को दे
तिलांजलि,मानव जीवन को सफल कर।
जीवन मिला है जीने के लिए।
बेला विरदी।