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देर से सही नींद तो खुली …पहले फैली थी लाली, अब छा रही हरियाली!

अनिल मिश्रा / शहाड
किसी समय चोरी व गंदगी के लिए ़प्रसिद्ध शहाड रेलवे स्टेशन अब सुंदर स्टेशन की तरफ बढ़ता दिखाई दे रहा है। लग रहा है कि रेल प्रशासन की नींद खुल गई है। एक समय ऐसा था कि गुटका खाकर रेल यात्री स्टेशन की दीवार को थूक की पीक से लाल किया करते थे। उस गंदगी से बचने के लिए प्रशासन ने स्टेशन की दीवार को लाल रंग से रंग कर दीवार को लाल ही बना दिया था। अब स्टेशन को हरियाली में बदलने की पहल शुरू है अर्थात स्टेशन की दीवार को वर्टिकल गार्डन का रूप दिया जा रहा है। कसारा कर्जत रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश घनघाव ने बताया कि शहाड रेलवे स्टेशन जिसकी नरकीय स्थिति थी। स्टेशन पर आने-जाने वाले मार्ग पर वाहन पार्क किया जाता था। स्टेशन के समीप पहुंचकर भी स्टेशन का पता नहीं चलता था। स्टेशन पर दोनों ही प्लेटफॉर्म पर प्रसाधन गृह की सुविधा नहीं थी, उसकी व्यवस्था की गई है। निर्मल योजना की तरफ से प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है। स्टेशन मे सुधार हो रहा है। शहाड रेलवे स्टेशन के प्रबंधक इमये कुमार ने बताया कि रेलवे प्रशासन रेल यात्रियों को सुविधा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। रेल यात्रियों से भी सहयोग की अपेक्षा है। अमृत योजना के तहत स्टेशन को सुंदर बनाने का कार्य किया जा रहा है।

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