अपने को पहचान

तेरा अपना वजूद है,
तू कमजोर नहीं
फिर क्यों हार रहा है जिंदगी से,
अपने को पहचान।
नफरत के इस माहौल में,
तू राह मत भटक
आगे की सोच, क्यों परेशान है!
अपने को पहचान।
एक-दूसरे का सहारा बन,
जीवन में आगे बढ़
जिंदगी है, दोबारा नहीं मिलती,
अपने को पहचान।
परेशानियों में तू हार मत मान,
संघर्ष ही जीवन की कहानी है।
जीत जाएगा एक दिन तू,
अपने को पहचान॥
-हरिहर सिंह चौहान
इंदौर, मध्य प्रदेश

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