सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र और राज्य की महायुति सरकार में मुंबई जैसे शहर में निम्नतम १५ रुपए में वड़ा-पाव मिलता है। ऐसी स्थिति में सरकार स्कूली छात्रों को ५.४५ रुपए में कौन सा पौष्टिक आहार देगी। इस पर अभिभावक से लेकर आम जनता मजाकिया लहजे में कह रही है कि `मोदी है तो मुमकिन’ है।
केंद्र द्वारा प्रायोजित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत महाराष्ट्र में पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को पौष्टिक मध्याह्न भोजन प्रदान किया जाता है। केंद्र सरकार ने इस योजना में और अधिक पौष्टिकता एवं विविधता लाने के लिए स्नेहभोजन उपक्रम शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तह स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) को पुलाव, गोड खिचड़ी और रागी सत्व को वैकल्पिक रूप से शामिल करने की अनुमति दी गई। यह जानकारी स्कूलीr शिक्षा विभाग ने दी है। इस योजना के तहत प्राथमिक (पहली से पांचवीं) कक्षा के छात्रों को ४५० वैâलोरी और १२ ग्राम प्रोटीन, जबकि उच्च प्राथमिक (छठी से आठवीं) कक्षा के छात्रों को ७०० वैâलोरी और २० ग्राम प्रोटीन वाला आहार दिया जाता है। केंद्र सरकार ने प्राथमिक स्तर के लिए रुपए ५.४५ प्रतिदिन प्रति छात्र और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए रुपए ८.१७ प्रतिदिन प्रति छात्र खर्च की सीमा तय की है।
छात्रों को और अधिक पौष्टिक आहार प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य, आहार और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर ११ जून २०२४ को तीन-कोर्स भोजन की व्यवस्था लागू की गई, जिसमें चावल, दाल/अनाज, अंकुरित अनाज, मीठे व्यंजन के रूप में चावल की खीर और रागी सत्व को शामिल किया गया। इसके बाद, २८ जनवरी २०२५ को जारी सरकारी निर्णय में अंडा पुलाव और गोड खिचड़ी/रागी सत्व को वैकल्पिक व्यंजन के रूप में शामिल करने की मंजूरी दी गई। इससे पहले, अंडे और केले का वितरण किया जाता था। अब केंद्र सरकार ने छात्रों को अधिक पोषण प्रदान करने के लिए बाजरा (मिलेट्स) के उपयोग को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत साप्ताहिक पूरक आहार भी दिया जाता है, जिसमें छात्रों को फल, सोया बिस्किट, दूध, चिक्की, राजगीरा लड्डू, गुड़, मूंगफली, किशमिश और मुरमुरे जैसे पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं। यह जानकारी स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा दी गई है।