सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में शिंदे सरकार की ओर से शुरू लाडली बहन योजना के तहत सभी को लाभ नहीं दिया जा सकता है। बहुत सी महिलाएं संजय गांधी निराधार योजना का लाभ ले रही हैं और अब वही लाडली बहन योजना का भी लाभ लेना चाहती हैं। ध्यान रहे कि सभी महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यह बातें राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही, उन्होंने कहा कि यदि हमने सभी को लाभ दिया तो राज्य सरकार का खजाना खाली हो जाएगा। राज्य सरकार की विवशता बताते हुए फडणवीस ने कहा कि सभी महिलाओं को लाभ दिया तो सरकार कंगाल हो जाएगी।
बता दें कि राज्य के वित्तमंत्री अजीत पवार ने प्रदेश बजट में मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना की घोषणा की थी। सरकार की घोषणा उस समय हुई, जब विधानसभा चुनाव मुहाने पर है। योजना के तहत २१ से ६५ वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को प्रति माह १,५०० रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। हालांकि, अब सत्तारूढ़ शिंदे गुट, अजीत पवार गुट और भाजपा में ही योजना का श्रेय लेने को लेकर घमासान मच गया है।
लाडली बहना, भइया के बाद अब आई बच्चों की बारी
राज्य की असंवैधानिक सरकार ने जनता के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इनमें खास हैं लाडली बहन योजना और लाडला भाऊ (भइया) योजना लागू की गई हैं। इन योजनाओं को लेकर राज्य में तरह-तरह के राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं और युवाओं को आकर्षित करने के लिए असंवैधानिक सरकार के मुख्यमंत्री ने ये दोनो योजनाएं लाई हैं और इससे सरकार के खजाने पर भी कई हजार करोड़ रुपए का भार पड़ा है। कर्ज में डूबी यह सरकार चुनाव को देखते हुए रेवड़िया बांटने में जुटी है। इसके बाद भी सत्ताधारियों को लग रहा है कि जनता उन्हें वोट नहीं देगी इस लिए अब वे बच्चों के लिए भी ऐसी ही एक योजना लाने की तैयारी में हैं। सूत्रों को मानें तो शिंदे सरकार अब बाल योजना लाने की तैयारी में हैं। इसके लिए हाल ही में बैठक हुई है। सरकार अब बच्चों को भी अपने झांसे में लाने के लिए इस योजना को चुनाव से पहले लांच कर सकती है। राज्य में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लाडली बहन योजना लाकर महिलाओं को आकर्षित करने का काम किया है, इसके लिए दूसरी किस्त भी पात्र महिलाओं के बैंक खाते में जाने की तैयारी में है।