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सेटिंग नहीं तो क्या है? गड्ढे पाटने के लिए सिर्फ तीन कंपनियां

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में मानसून के दौरान सड़कों पर होने वाले गड्ढों को पाटने के लिए ठेकेदारों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। मनपा ने ढाई सौ करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया था, जिसे पाने के लिए सिर्फ तीन कंपनियों ने आवेदन किया है। पूर्व नगरसेवक मनपा की इस प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे हैं कि यह सेटिंग नहीं तो और क्या है? मुंबई में गड्ढे पाटने के लिए सिर्फ तीन ही कंपनियां पात्र हैं क्या? बाकी कंपनियों को यह मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है, ऐसे सवाल भी उठने लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुंबई में गड्ढों को भरने के लिए मनपा ने जो निविदा आमंत्रित की थी उसके लिए सिर्फ तीन कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जिसे लेकर पूर्व नगरसेवकों ने आरोप लगाया है कि यह एक सेटिंग है। मनपा ठेकेदारों के एक निश्चित वर्ग को अनुचित लाभ प्रदान कर रही है। तेजी से कंक्रीट और अस्फाल्ट डामर का उपयोग करके मुंबई की सड़कों पर होने वाले गड्ढों को भरने के लिए मनपा ने २५० करोड़ रुपए की निविदा जारी की थी, जिसके लिए तीन ठेकेदारों ने अनुमान से २४ फीसदी अधिक बोली लगाई है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब ठेकेदार अनुमान से २४ प्रतिशत अधिक बोली लगा रहे हैं, जबकि मनपा अधिकारियों की मानें तो यह नई तकनीक है। पेटेंट तकनीक है इसलिए इसमें ज्यादा ठेकेदारों ने रुचि नहीं दिखाई है। मुंबई में सड़क के गड्ढों को पाटने के लिए कोल्ड मिक्स की मदद ली जाती थी। हालांकि, इससे सड़क के गड्ढों को पाटने के बाद बेहतर परिणाम नहीं मिलता था, जिसके बाद अब मनपा नई योजना पर काम कर रही है। अब मनपा ने अस्फाल्ट डामर और कंक्रीट स्लैब की तकनीक से गड्ढों को पाटने की योजना बनाई है। मनपा के अनुसार, इसके उपयोग के साथ शहर में सड़कों और खराब-पैचों में सुधार संभव होगा। पूर्व नगरसेवक व मनपा में विपक्ष नेता रविराजा ने कहा कि इस मामले में पूरी तरह सेटिंग की आशंका दिख रही है। आखिर ऐसा वैâसे संभव है कि सिर्फ तीन कंपनियां ही शामिल हो रही हैं? ये सिर्फ शर्तें पूरी कर रही हैं, बाकी सब इनकी सेटिंग है।

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