सामना संवाददाता / मुंबई
नई तकनीक का सभी को उपयोग करके देश के साथ आगे बढ़ना पड़ रहा है। इसके फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। हर किसी को इनके बारे में पता होना चाहिए। इस तरह की स्थिति में अनजान नंबरों से आने वाले ईमेल, मैसेज, ओटीपी का जवाब न दें और किसी भी लिंक को न खोलें। हालांकि ऐसी स्थिति में भी यदि किसी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है तो उनको अपना पैसा वापस मिलने की संभावना तभी है जब वे `गोल्डन ऑवर्स’ में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। इस तरह की अपील साइबर पुलिस अधिकारी विवेक तांबे ने की।
जन सहयोग फाउंडेशन की ओर से रविवार को दहिसर स्थित बोनावेंचर कॉम्प्लेक्स में साइबर धोखाधड़ी से बचने के तरीके पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। साइबर पुलिस अधिकारी विवेक तांबे ने साइबर अपराध पर मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त मुकुंद पवार, महेश देसाई, विजय कादलगावकर समेत जनसहयोग संस्था के अध्यक्ष प्रभाकर पवार, संस्था के सलाहकार मिलन मेहता, राजू बांदेकर, बोनावेंचर संकुल के अध्यक्ष राजेश शुक्ला, सेक्रेटरी संजय सिंह, पूर्व सेक्रेटरी तुकाराम पाटील आदि गणमान्य उपस्थित थे। तांबे ने कहा कि आजकल हर किसी के पास मोबाइल फोन है। कई लोग अपना लेन-देन मोबाइल के माध्यम से करते हैं। इसका फायदा उठाकर डिजिटल गिरफ्तारी, निवेश घोटाले, लोगों को कम पैसे में बड़ा मुनाफा कमाने का लालच देना, वीडियो के जरिए धमकाना और उनके फोन हैक करके उसी नंबर से उनके रिश्तेदारों और दोस्तों को मैसेज भेजकर पैसे मांगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसमें युवा से लेकर बुजुर्ग तक सभी ठगे जा रहे हैं। ऐसे मामलों में बिना पता लगाए नागरिक सीधे पैसा भेज देते हैं। तांबे ने कहा कि ऐसे साइबर घोटालों को रोकने के लिए अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल और संदेशों का जवाब न दें। साथ ही फेसबुक और व्हॉट्सऐप से आने वाली प्रâेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें और अजनबियों से दोस्ती करने से बचें। यदि कोई आपको गिरफ्तार करने की धमकी दे रहा है तो पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। तांबे ने यह भी सुझाव दिया कि लोग इसके लिए १९३० नंबर पर संपर्क करें।
दिया मार्गदर्शन
इस बीच साइबर अपराध क्या है? यह कैसे किया जाता है? इससे अपराध कैसे बढ़ता है? सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मुकुंद पवार ने इस पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। पवार ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया इंटरनेट से जुड़ती जा रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराध के प्रकार भी बढ़ते जा रहे हैं। पवार ने कहा कि ऐसी चीजों को रोकने के लिए हमें समय-समय पर अपने मोबाइल, घर के इंटरनेट और बैंक के पासवर्ड बदलते रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन संदीप चोणकर ने किया।