- डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकार-आईएमए
चंद्रकांत दुबे / मीरा रोड
केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों से जहां डॉक्टरों में रोष है तो वहीं उनकी सुरक्षा को लेकर भी वे चिंतित हैं। सरकार को छोटे अस्पतालों की परेशानियों पर ध्यान देना चाहिए, नहीं तो इनका अस्तित्व खतरे में आ जाएगा। ये बातें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने कहीं। मीरा रोड स्थित ग्रीन कोर्ट क्लब में आयोजित दो दिवसीय चलने वाली डॉक्टरों के राष्ट्रीय अधिवेशन हॉस्पीकॉन की पत्रकार वार्ता में डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि सरकार Clinical Establishment Act लाकर ऐसे नियम कानून ला रही है, जिससे कॉर्पोरेट हॉस्पिटलों का वर्चस्व कायम होगा और छोटे अस्पतालों का अस्तित्व संकट में आ जाएगा, क्योंकि इसके प्रावधान बड़े अस्पतालों को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं। इन नियमों को छोटे अस्पतालों में लागू किया ही नहीं जा सकता है!
डॉक्टर्स और नर्सों पर होते हैं हमले
वहां उपस्थित डॉक्टरों ने कहा कि डॉक्टर्स हमेशा डर के साये में काम करने को मजबूर हैं। सरकार उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करे, क्योंकि मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर हमले किए जाते हैं। सरकार को इसके लिए सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। डॉक्टरों की मांग है कि इसके लिए भारतीय दंड संहिता में केंद्र सरकार जरूरी परिवर्तन करके गैर जमानती अपराध घोषित करे, जिससे हमलों पर लगाम लगे।
आओ गांव चलें
इस संस्था की तरफ से ‘आओ गांव चलें’ के तहत एक मुहिम शुरू की जा रही है। जिसमें बताया गया है कि संस्था से हजारों की संख्या में डॉक्टर्स जुड़े हुए हैं, जो गांव-गांव जाकर नि:शुल्क लोगों की मदद करेंगे और बीमारियों से संबंधित मेडिकल सलाह देंगे। साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही विशेष योजनाओं से भी उन्हें अवगत कराएंगे, जिससे वे योजनाओं का लाभ ले सकें।
आईएमए और एचबीआई (हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया) के इस दो दिवसीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल, वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयेश लेले सहित ३० राष्ट्रीय प्रतिनिधि, आईएमए महाराष्ट्र अध्यक्ष डॉ. रविंंंद्र काटे व ६० राज्य के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
एचबीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ए.के.रविकुमार, सचिव डॉ.दिनेश ठाकरे, कोषाध्यक्ष और आयोजन सचिव डॉ.राजीव अग्रवाल, आयोजन अध्यक्ष डॉ. राखी अग्रवाल, आईएमए मीरा-भायंदर अध्यक्ष डॉ.संजय मेहरा, सचिव डॉ.अमोल जाधव तथा पूर्व अध्यक्ष डॉ. विवेक द्विवेदी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सरकार की मनमानी
डॉ. अग्रवाल का कहना है कि केंद्र सरकार अपनी मनमानी करती है। देश में ७० फीसदी से अधिक मरीजों की सेवा व इलाज प्राइवेट सेक्टर में होता है, जबकि सिर्फ ३० फीसदी लोग ही सरकारी अस्पतालों की तरफ जाते हैं। सरकार द्वारा प्रस्तावित नेक्स्ट (र्र्Eेंऊ) परीक्षा के बारे में भी सरकार से निवेदन किया कि सरकार इसको लागू करने से पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में एक बार फिर से विचार- विमर्श कर ले, क्योंकि इससे नए एमबीबीएस डॉक्टरों को परेशानी हो सकती है।