मुख्यपृष्ठनए समाचारकम छात्र संख्या के नाम पर स्कूल बंद करोगे तो याद रखें!...

कम छात्र संख्या के नाम पर स्कूल बंद करोगे तो याद रखें! …बहुजन समाज को शिक्षा से दूर करने की साजिश …नाना पटोले की ‘घाती’ सरकार को चेतावनी

सामना संवाददाता / मुंबई
कम छात्र संख्या का हवाला देकर ‘घाती’ सरकार ने जिला परिषद के करीब १५,००० स्कूलों को बंद करने की साजिश रची है। स्कूल बंद करोगे तो याद रखो। इस तरह की चेतावनी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कल दी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि स्कूल बंद करके बहुजन समाज को शिक्षा से वंचित रखने की मनुवादी सरकार की साजिश है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत बच्चों को उनके घर के नजदीक स्थित स्कूल में पढ़ाना अनिवार्य है, लेकिन सरकार इसका उल्लंघन करते हुए जिला परिषद स्कूलों को बंद करने की कोशिश कर रही है। कई स्कूलों को शुरू रखने की बजाय सरकार उन्हें बंद करके हर २० किमी क्षेत्र में एक स्कूल खोलने की योजना बना रही है, जिसकी नाना पटोले ने आलोचना की है। जिला परिषद स्कूल बंद किया गया तो ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि आज भी उन क्षेत्रों में परिवहन के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं। पटोले ने कहा है कि इसलिए सरकार का यह पैâसला मूर्खतापूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी कोशिश पहले भी की गई थी, लेकिन वह नाकाम रही थी। उन्होंने सरकार के इस फैसले से हजारों शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के बेरोजगार हो जाने का खतरा भी बताया है।
टीईटी अनियमितता के अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में मौका
राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए एप्टीट्यूड एंड इंटेलिजेंस टेस्ट २०२२ में परीक्षा देनेवाले अभ्यर्थियों का पवित्र पोर्टल पर स्व-प्रमाण पत्र पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इस पंजीयन प्रक्रिया में अब टीईटी परीक्षा में अनियमितता के दोषी पाए गए अभ्यर्थी भी भाग ले सकेंगे। उच्च न्यायालय की छत्रपति संभाजी नगर खंडपीठ के अंतरिम आदेश के अनुसार टीईटी परीक्षा में अनियमितता के मामले में उम्मीदवारों को अपना स्व-प्रमाण पत्र जमा करने का अवसर दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें ३० सितंबर तक की समय सीमा दी गई है।
कोर्ट ने नौ हजार अभ्यर्थियों को परीक्षा से कर दिया था बाहर
महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) २०१८ और २०१९ में अनियमितता के आरोप में नौ हजार से अधिक अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया था। हाई कोर्ट की छत्रपति संभाजी नगर खंडपीठ ने पैâसला सुनाया था कि उन्हें शिक्षक एप्टीट्यूड एंड इंटेलिजेंस टेस्ट २०२२ में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए इन अभ्यर्थियों को पवित्र वेबसाइट पर शिक्षक भर्ती पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। हालांकि, कोर्ट ने निर्देश दिया है कि समन्वयक अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित करने के बाद कि संबंधित अभ्यर्थियों द्वारा आवश्यक शर्तें पूरी करने पर स्व-प्रमाण सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
बढ़ाई गई समय सीमा
प्राप्त आवेदनों की जांच कर पात्रता निर्धारित करने की कार्रवाई समन्वयक अधिकारी द्वारा की जाएगी। शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र के माध्यम से बताया कि इस प्रक्रिया में लगनेवाले समय को देखते हुए स्व-प्रमाणपत्र पंजीकरण की समय सीमा बढ़ा दी गई है।

अन्य समाचार